गुरूवार को रायपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धान पर दिए संबोधन ने प्रदेश की सियासत में बवाल मचा दिया है। मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने जितना धान खरीदा, उसका 80% से ज्यादा हिस्सा केंद्र सरकार के हिस्से का होता है। यानी इतने ही फीसदी खर्च में हिस्सा भी होगा। मोदी का दिया ये बयान कांग्रेस के गले नहीं उतर रहा है।
प्रधानमंत्री के जाते ही आनन फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर PM मोदी के आरोपों पर पलटवार किया गया। भाजपा के इस दावे पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से चावल ना खरीदे तो देश के गरीबों को चावल ना दे पाए। कांग्रेस की इस दलील पर भाजपा भी पलटवार कर पूछती है कि जब केंद्र से सहयोग नहीं मिलता तो केंद्रीय पूल में धान उठाव की मात्रा को बढ़ाने की मिन्नतें क्यों की जाती हैं। दोनों ही पार्टी साबित करने की कोशिश कर रही हैं कि छत्तीसगढ़ के किसानों का हितैषी वही है और धान की राजनीति पर कोई पीछे नहीं रहना चाहता। मौसम बारिश का है और धान की रोपाई का भी।