मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आज का दिन हमारे लिए दीवाली और होली की ही तरह है। भारत माता के अमर सपूत स्वाभिमान और स्वराज के प्रतीक, जनजातीय अस्मिता के संरक्षक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। पांचवें जनजातीय गौरव दिवस पर चारों दिशाओं में भारत अपने जनजातीय नायकों की स्मृतियों को पूज रहा है। जनजातियों के पराक्रम और परिश्रम से सजी आलीराजपुर की पावन मिट्टी में आजादी की लड़ाई के 2 अमर योद्धा शहीद छीतु किराड़ और शहीद चंद्रशेखर आजाद ने जन्म लिया है। शहीद छीतु किराड़ ने 1857 के संग्राम में जनजातीय शक्ति को संगठित कर अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए। भगवान बिरसा मुंडा और अमर शहीद छीतु किराड़ की प्रतिमा के अनावरण का अवसर प्राप्त होना परम सौभाग्य की बात है। जनजातीय संस्कृति से समृद्ध आलीराजपुर क्षेत्र किसी स्वर्ग से कम नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश की विकास की अनेक सौगातें मिली हैं। जनजातीय गौरव दिवस पर जनजातीय कल्याण के लिए आलीराजपुर को 250 करोड़ रूपए की लागत से 156 विकास कार्यों की सौगात मिल रही है। जनजातीय भाई-बहनों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना के 156 कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आलीराजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और वंदे मातरम् के समवेत गायन में सहभागिता की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान बिरसा मुंडा और शहीद छीतु किराड़ की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आलीराजपुर पहुंचने पर जनजातीय भाई-बहनों ने आत्मीय स्वागत किया।
राजा आलिया के नाम पर आलीराजपुर होने से मिली जिले को उचित पहचान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अंग्रेजों ने देशवासियों पर अत्याचार और कत्लेआम किए। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज को साथ लेकर सशस्त्र विद्रोह कर अंग्रेजों को चुनौती दी। उन्होंने नशा मुक्ति और गौमाता के संरक्षण के लिए भी अभियान चलाया। टंट्या मामा, अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और शहीद छीतु किराड़ ने मध्यप्रदेश की धरती से आजादी के अभियान को आगे बढ़ाया। आजादी के दीवानों का स्मरण कर हम सब गौरवान्वित अनुभव करते हैं। छीतु किराड़ इस धरती के पराक्रम का प्रतीक थे। उन्होंने अंग्रेजों के शोषण और जबरन लगान के खिलाफ साहसिक विरोध किया। अकाल के समय अंग्रेजों के गोदामों से अनाज निकालकर जरूरतमंद परिवारों को बांटा। देश की आजादी में जनजातीय अंचल के नायकों की महत्वपूर्ण भूमिका थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद जनजातीय नायकों को वह सम्मान नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जनजातीय गौरव अपनी प्रतिष्ठा के साथ पुन: स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आलीराजपुर जनजातीय संस्कृति और स्वाभिमान की भूमि है। राजा आलिया इस क्षेत्र के स्वाभिमान, नेतृत्व और जनजातीय गौरव के प्रतीक थे।
विकास और जनकल्याण के लिए हमारी भावना और संकल्प स्पष्ट
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आज हर पात्र जरूरतमंद परिवार को पक्के मकान मिल रहे हैं। लाड़ली बहनों की राशि बढ़ाकर हर महीने रक्षाबंधन और भाईदूज मनाई जा रही है। अब बहनों को 1500 रुपए महीने मिलने लगे हैं। विकास और जनकल्याण के लिए हमारी भावना और संकल्प स्पष्ट है। माताएं-बहनें अपनी परवाह न करते हुए पूरे परिवार के भरण-पोषण का ध्यान रखती हैं। बहनें, लाड़ली बहना योजना के पैसों से परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बच्चों की फीस भर रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार भी किसानों को अलग से मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 6 हजार रुपए का अतिरिक्त लाभ दे रही है। यह उनके परिश्रम का सम्मान है। प्रदेश के किसानों को भावान्तर योजना के माध्यम से सोयाबीन का उचित दाम मिल रहा है। पात्र किसानों को 15 दिन के अंदर राशि भेज दी गई है। राज्य सरकार गेहूं भी 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी से सिंचाई सुविधा मिलने से जिले के 170 गाँव लाभान्वित होंगे और हीरा तराशने के उद्योग स्थापित होने से क्षेत्र में नए रोजागार के अवसर सृजित हो रहे है।









