बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह ऐलान विपक्षी खेमे के लिए एक बड़ा दांव माना जा रहा है, जो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन को चुनौती देता है।
🔹 दो चरणों में होंगे चुनाव
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है।
पहला चरण: 6 नवंबर 2025
दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
मतगणना: 14 नवंबर 2025
राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।
🔹 महागठबंधन की रणनीति
तेजस्वी यादव के साथ मुखेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया है। यह कदम मल्लाह समुदाय को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने अपने घोषणापत्र में युवाओं और महिलाओं पर खास ध्यान देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बनी तो ‘जीविका दीदियों’ (महिला स्वयं सहायता समूह) को स्थायी सरकारी नौकरी, ₹30,000 मासिक वेतन और ब्याज-मुक्त ऋण दिया जाएगा।
🔹 एनडीए बनाम महागठबंधन: सीटों पर खींचतान
सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में बीजेपी और जेडीयू ने अधिकांश सीटों पर सहमति बना ली है। दोनों दल लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
वहीं दूसरी ओर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी असहमति जारी है। आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के बीच बातचीत जारी है।
चिराग पासवान ने भी विपक्षी खेमे की एकता पर सवाल उठाए हैं, और कहा कि “महागठबंधन अंदर से बिखरा हुआ है।”
🔹 ज़मीनी हकीकत और स्थानीय मुद्दे
दरभंगा जिले में चुनावी माहौल उस समय गरम हो गया जब बीजेपी प्रत्याशी रामचंद्र साहू को प्रचार के दौरान ग्रामीणों ने विरोध के बीच खदेड़ दिया। यह घटना स्थानीय नाराज़गी का संकेत मानी जा रही है।
ग्रामीण इलाकों में बेरोज़गारी, बाढ़ और भ्रष्टाचार मुख्य चुनावी मुद्दों के रूप में उभर रहे हैं।
🔹 मतदाताओं की नब्ज
बिहार में महिला मतदाताओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
तेजस्वी यादव का फोकस युवा और महिला वोटर्स पर है, जबकि बीजेपी “विकास, कानून व्यवस्था और केंद्र की योजनाओं” के नाम पर जनसमर्थन जुटाने में लगी है।









