कार्यालय परिसरों में गंदगी का ढेर, कैसे स्वच्छ व सुंदर बने शहर
अमित बागलीकर
देवास। शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर निगम द्वारा पिछले वर्ष निगमायुक्त विशालसिंह के साथ ही पुरी टीम के प्रयास से देवास का नाम भी स्वच्छता सर्वेक्षण में आया था लेकिन वर्तमान में देवास के शासकीय कार्यालय के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी का आलम अब देखा जा सकता है। क्योकि इसमें अब आम लोगों को भी सहयोग इसमें नहीं मिल रहा है जिसके चलते शहर को स्वच्छ और सुंदर बना पाना एक चुनौती बनता जा रहा है शहर के कई शासकीय विभागों के कार्यालय परिसर ही गंदगी की चपेट में है स्वच्छता को लेकर संबंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं कुछ इस तरह का आलम देवास कलेक्टर कार्यालय के पिछले हिस्से में देखने को मिल रहा है।
स्वच्छता अभियान को लेकर बड़े जोर शोर के साथ नगर निगम ने पिछले वर्ष प्रचार-प्रसार, जन जाग्रति रैलियां निकाली थी। साथ ही स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए विभागों में शपथ ग्रहण भी कराई गई थी निगम द्वारा शहरी क्षैत्रों में कोरोना महामारी के चलते दिन-रात साफ-सफाई भी कराई जा रही है स्वच्छता अभियान की मॉनिटरिंग का जिम्मा खुद निगम अपनी टीम के साथ उठाए हुए हैं जो देर रात तक वार्डों और मुख्य मार्गों पर सफाई कराते देखे जा सकते हैं। लेकिन शासकीय कार्यालयों की हालत इन सबके उलट ही दिखाई दे रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देवास कलेक्टर कार्यालय परिसर में देखा जा सकता है। जहां कलेक्टर परिसर की दिवार से लगे हुए परिसर सार्वजनिक कचराघर बन गया है। क्योकि कार्यालय का कचरा भी इसी स्थल पर फेंका जाता है, जिससे यहां गंदगी का ढेर लग चुका है। जबकि इस परिसर में दिन-रात वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर राजनैतिक लोगों का आना जाना लगा रहता है। यहां की व्यवस्थाओं को देखने का जिम्मा किससे पास है यह तो भगवान भरोसे ही लग रहा है। अब तो यही बोला जा सकता है कि कार्यालय परिसर में गंदगी बढ़ती जा रही है और शहर की स्वच्छता व सुंदरता पर ग्रहण लग रहा है। जिसके चलते स्वच्छता की पोल सरेआम खुल रही है। इसके साथ ही उक्त कचरे के पास वहा से निकलने वालों लोगों से इस कचरे की ढेर की गली को मुत्रालय बनाकर रख दिया है। अब देखना यह है कि कोई जवाबदार इस और ध्यान देता है यर फिर………..