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अगले 2 महीने में आ सकती है NPS की गारंटीड रिटर्न की स्कीम! ये 5 बड़े बदलाव संभव

PFRDA के चेयरमैन सुप्रतिम बंधोपाध्याय का कहना है कि अथॉरिटी NPS में एंट्री की अधिकतम उम्र को 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करने पर विचार कर रही है. अभी ये 18 से 65 वर्ष है. इसी के साथ वह NPS से बाहर होने की अधिकतम उम्र को बढ़ाकर 75 वर्ष करने के बारे में सोच रहा है जो अभी 70 है.

सुप्रतिम बंधोपाध्याय का कहना है कि उम्र बढ़ाने के नियम अनिवार्य नहीं होंगे बल्कि लोगों की सुविधा भर के लिए ऐसा किया जाएगा. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि जब हमने NPS में एंट्री की उम्र 60 से बढ़ाकर 65 की थी तो 60 से अधिक उम्र वाले लगभग 15,000 लोग NPS में शामिल हुए थे.

अभी NPS के सब्सक्राइबर अपनी पूरी जमा राशि का 60% तक रिटायरमेंट के बाद निकाल सकते हैं. बाकी 40% पैसा एक बीमा कंपनी को दिया जाता है जो आपको पेंशन देती है. हालांकि रिटायरमेंट तक जिन लोगों की कुल जमा राशि दो लाख रुपये ही होती है वो पूरा पैसा निकाल सकते हैं. सुप्रतिम बंधोपाध्याय का कहना है कि अथॉरिटी अब इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने पर विचार कर रही है. वहीं ये भी एक वैकल्पिक व्यवस्था होगी, जो लोग 60:40 वाली व्यवस्था में रहना चाहते हैं रह सकते हैं.

NPS बाजार से जुड़ी निवेश योजना है. इसमें लगाया गया पैसा शेयर बाजार, कॉरपोरेट और सरकारी बांड में निवेश किया जाता है. ऐसे में इसमें किसी को रिटायरमेंट पर कुल रिटर्न कितना मिलेगा ये गारंटीड नहीं है. PFRDA का कहना है कि पारंपरिक निवेशकों को ध्यान में रखते हुए NPS के तहत न्यूनतम गारंटीड रिटर्न की स्कीम लाने का विचार हो रहा है. पेंशन एडवाइजरी कमेटी इसकी मंजूरी दे चुकी है और अब कोई एक्चुरियल कंपनी इसके लिए प्रोडक्ट को डिजाइन करेगी. इस तरह की स्कीम अगले एक-दो महीने में आने की संभावना है.

अभी NPS सब्सक्राइबर को 40% पैसा पहले से तय की गई 12 बीमा कंपनियों में निवेश करना होता है. लेकिन हाल में एन्युनिटी दरों में तेजी से कमी आई है. वहीं एन्युनिटी दरों से होने वाली कमाई टैक्स के दायरे में भी आती है, अब इसमें महंगाई को भी जोड़ दिया जाए तो संभव है कि जब व्यक्ति रिटायर होगा तो उसे अपने निवेश पर निगेटिव रिटर्न भी मिल सकता है. ऐसे में PFRDA लोगों को NPS में कई इनोवेटिव भुगतान ऑप्शन देने पर विचार कर रहा है.

सुप्रतिम बंधोपाध्याय ने कहा कि PFRDA लोगों को उनके NPS का बचा हुआ 40% पैसा पेंशन फंड मैनेजर्स के पास ही छोड़ने की सुविधा देने पर विचार कर रही है ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके. या फिर एन्युनिटी के साथ-साथ सिस्टमेटिक तरीके से पैसा विड्रॉल करने के प्लान का भी विचार है. इसके लिए एक्चुरियल फर्म से सलाह-मशविरा किया जा रहा है.

अभी NPS की सुविधा केवल संस्थान दे सकते हैं क्योंकि उन्हीं के पास डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस होता है. इन लाइसेंसधारक संस्थानों को पॉइन्ट ऑफ प्रेजेंस कहा जाता है. सुप्रतिम बंधोपाध्याय का कहना है कि अथॉरिटी सोच रही है कि क्या किसी व्यक्ति को पॉइन्ट ऑफ प्रेजेंस बनाया जा सकता है. हालांकि उनकी योजना खुद से ऐसे लोगों को हायर करने की नहीं है बल्कि मौजूदा लाइसेंसधारक ही इन व्यक्तियों को अपनी उप इकाई के तौर पर पॉइन्ट ऑफ प्रेजेंस बना सकेंगे. PFRDA जल्द ही इसे लेकर कमीशन वगैरह का फैसला लेगी जैसा उसने पहले पेंशन फंड मैनेजरों और फंड मैनेजमेंट शुल्क के लिए किया है.