बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना द्वारा किए गए मिसाइल हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर सहित आठ लोगों की मौत हो गई है। ताजा हमले के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव और बढ़ने के आसार हैं। वहीं इराक से भी अमेरिकी संबंधों में खटास आ सकती है।
अमेरिका ने कम से कम तीन कत्यूषा मिसाइल दागे जिससे बगदाद हवाई अड्डे पर भीषण तबाही मची। हवाई अड्डे पर मौजूद ईरान और हिज्बुल्लाह की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा। अमेरिका ने यह हमला खुफिया जानकारी मिलने के बाद किया। अमेरिका ने यह भी दावा किया कि मारा गया ईरानी कमांडर अमेरिकी नागरिकों पर हमले की साजिश रच रहा था।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट रक्षात्मक कार्रवाई करते हुए ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था।
ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड ने सरकारी टेलीविजन पर एक बयान में कुद्स यूनिट के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की है। बयान में कहा गया है कि बगदाद में अमेरिकी बलों के हमले में उनकी मौत हो गई।अमेरिका के इस हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की भी मौत हो गई है। वहीं पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सिज (पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबु महदी अल-मुहांदिस भी मारा गया है। पीएमएफ ने इस हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि इराकी सैन्य बल के घायलों को लेकर पुष्ट जानकारी नहीं मिली है।
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने विदेशी आतंकवादी संगठन ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स-क्वैड्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या करके विदेश में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई की है। व्हाइट हाउस ने यह भी दावा किया कि कासिम सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक और उस क्षेत्र में रह रहे अमेरिकी राजनयिकों और अन्य सदस्यों पर हमले की योजना बना रहे थे।
सुलेमानी की मौत को लेकर इरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने अमेरिका पर हमला बोला है। उन्होंने बगदाद हवाई अड्डे पर किए मिसाइल हमले को मूर्खतापूर्ण कदम बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अमेरिका का जनरल सुलेमानी को निशाना बनाने और उनकी हत्या करने के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का कदम बहुत खतरनाक और मूर्खतापूर्ण है। उनका बल प्रभावी रूप से दाएश (आईएसआईएस), अल नुसराह, अल कायदा एट अल से लड़ता था। अमेरिका को अपने इस दुस्साहस की भारी कीमत चुकानी होगी।’
कुर्द फोर्स ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की एक शाखा है जो देश के बाहर अभियानों को अंजाम देता है। इसका प्रमुख कासिम सुलेमानी सीधे तौर पर देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खमेनेई के प्रति जवाबदेह था। 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में हुए सैन्य हमलों में इराक में सद्दाम हुसैन की सत्ता का अंत हो गया था। इसके बाद मध्यपूर्व में कुर्द सेना ने अपने अभियान तेज कर दिए थे।
कुर्द ने ईरान का समर्थन करने वाले दूसरे देशों के सरकार विरोधी गुटों को हथियार, पैसे और प्रशिक्षण देना शुरू किया। इसके अलावा युद्ध के गैर-पारंपरिक तरीको को अपनाना भी शुरू किया। जिसके कारण ईरान को पारंपरिक हथियारों पर निर्भर रहने वाले विरोधियों पर बढ़त मिली। जिसमें स्वार्म तकनीक (बड़ी सैन्य टुकड़ी के साथ अलग-अलग ठिकानों से लड़ना), ड्रोन का इस्तेमाल करना और साइबर हमले शामिल हैं।
पिछले साल अप्रैल में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फोर्स को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था। इस फैसले को लेकर ईरान ने कहा था कि खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी सेना खुद किसी आतंकवादी संगठन से कम नहीं है।
अमेरिका का कहना है कि कताइब हिज्बुल्ला इराक में लगातार उसके सैन्य ठिकानों पर हमला करता रहता है। उसने 2009 से इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। इसके कमांडर अबु महदी अल-मुहांदिस को उसने वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ है।अमेरिका का कहना है कि इराक की स्थिरता और शांति के लिए यह संगठन खतरा है। अमेरिका के रक्षा विभाग का कहना है कि हिज्बुल्ला का ईरान केइस्लामिक रिवॉल्युशन गार्ड कोर यानी आईआरजीसी के वैश्विक ऑपरेशन आर्म कुर्द फोर्स से संबंध है और उसे ईरान से कई तरह की मदद मिलती है