जबलपुर। शहर से करीब 8 किमी दूर कचरा डंपिंग प्लांट में बनाए गए प्रदेश के पहले स्वच्छता पार्क में एक और नई उपलब्धि जुड़ गई है। करीब 39 हेक्टेयर में फैले स्वच्छता पार्क में 10 एकड़ में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बना है। यहां सूखे कचरे से 11.7 मेगावाट बिजली बन रही है, लेकिन शहर से जो कचरा जा रहा है वह पूरी तरह ज्वलनशील नहीं है, इसलिए उसे अलग-अलग करने के लिए रोबोट का सहारा लिया जा रहा है।
कन्वेयर (बेल्ट) में कचरा डालते ही मटेरियल रिकवरी फेसिलेटर रोबोटिक हैंंड अपने पंजे नुमा हाथों से मिनटों में ही प्लास्टिक बोतल, कागज, गत्ता जैसे 12 प्रकार के कचरे को अलग कर देता है। नगर निगम ने स्वच्छता पार्क में फिलहाल प्रायोगिक तौर पर एक रोबोट लगाया है। यदि यह सफल रहा तो इसकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है।
10 टन कचरा एक दिन में करता है अलग
डपिंग प्लांट पहुंचे कचरे को कन्वेयर बेल्ट में डाल देते हैं। सेंसर से चलने वाला रोबोट प्लास्टिक बॉटल, जूते, चप्पल, डिब्बे, कागज, पुट्ठे आदि की पहचान कर उसे उठाकर अलग कर देता है।
इस रोबोटिक सिस्टम से करीब 50 टन कचरे को अलग करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन प्रायोगिक तौर पर करीब 4 हजार स्क्वेयर फीट में लगाए गए इस रोबोटिक मशीन से 10 टन कचरा अलग किया जा रहा। है
– रोबोटिक सिस्टम से अलग होने वाले कचरे में से बॉटल, प्लास्टिक आयटम जैसे आइटमों को रिसाइकिलिंग के लिए भेज दिया जाता है। जो उपयोग लायक नहीं उसे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए भिजवा दिया जाता है।
-रिसाइकिलिंग से तैयार आइटम को दोबारा मार्केट में बेच दिया जाता है।
-स्मार्ट सिटी कंपनी ने रिसाइकिल आयटम को बेचने के लिए शहर के 200 पन्नी बीनने वाले रेग पिकर्स कर्मचारी रखे हैं। स्मार्ट सिटी ने इन्हें रोजगार से जोड़ा है।
एक करोड़ से तैयार रोबोट
कचरे को अलग-अलग करने वाला रोबोट मटेरियल रिकवरी फेसिलेटर रोबोटिक हैंंड को होरिजन साल्यूशन कंपनी ने बनाया है। इसकी लागत करीब एक करोड़ रुपए है। हालांकि अब नगर निगम ऐसे रोबोट की तलाश कर रहा है जो एक समय में 100 प्रकार के कचरे को अलग-अलग कर सके। ऐसा रोबोट अंबाला के प्लांट में काम कर रहा है।
इनका कहना है
शहर से जो कचरा निकल रहा है वह पूरी तरह ज्वलनशील नहीं है। इसलिए उसे अलग-अलग किया जाता है। पहले यह काम रेग पिकर्स से कराया जाता था, लेकिन उसमें समय अधिक लगने के कारण रोबोट का सहारा लिया जा रहा है। इस तकनीक को भविष्य में और भी विकसित करने की योजना है।
-चंद्रमौलि शुक्ला, निगमायुक्त