उज्जैन में एक युवक, महिला और दो बच्चों के शव घर में मिले। चार लोगों का परिवार खत्म होने के बाद क्षेत्र में गम का माहौल है। युवक के साथ एक शादीशुदा महिला पांच साल से लिव-इन-रिलेशन में रह रही थी। महिला साथ अपने पति के दो बच्चों को भी लाई थी। साथ रहने से नाराज परिवारवालों ने उनसे नाता तोड़ लिया था। युवक की मां का कहना है कि उससे कभी-कभार बात हो जाया करती थी। सावन महीने में बेटे से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। मौत के मामले में पुलिस का मानना है, युवक ने पहले महिला और बच्चों का गला घोंटा होगा। फिर खुद फंदे पर झूल गया।
घटना उज्जैन के जानकी नगर में गुरुवार सुबह की है। मृतक मनोज राठौर (42), उसकी लिव-इन-पार्टनर ममता (38), बेटा लक्की (12) और बेटी कनक (6) हैं। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, इसलिए घटना की असल वजह पता नहीं चल पाई है। मनोज ढाई महीने पहले ही यहां किराए से रहने आया था।
![घटना के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई। लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि इतनी बड़ी घटना हो गई।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/09/21/ujjain-2_1695319339.jpeg)
कमरे में चार लाश की बात सुनकर घबरा गया…
‘मेरा नाम आसाराम है। जानकी नगर में रहता हूं। पास ही मेरा दो कमरे का मकान है। मनोज राठौर जुलाई महीने में जयसिंह पुरा से यहां रहने आया था। किराया 1800 रुपए प्रति महीने था। उसके साथ ममता, लक्की और कनक भी थे। गढ़कालिका मंदिर के पास फूल-प्रसाद बेचता था। कुछ दिनों पहले ही उसने वहीं खिलौने का काम भी शुरू किया था। इसके लिए ठेला भी खरीदा था।
गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे की बात है। मनोज का दोस्त गोलू आया था। वह जोर-जोर से दरवाजा खटखटा रहा था, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। सुबह बिजली भी नहीं थी। जोर की आवाज सुनकर मैं बाहर आया। पूछा तो गोलू ने मनोज के बारे में बताया। फिर मैंने भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। मैंने छत के ऊपर से घर के अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन वह दरवाजा भी बंद मिला।
इसके बाद सामने वाले लड़के को बुलाया। तीन ईंटों को दरवाजे के बीच फंसाया। गेप होने पर अंदर हाथ डालकर कुंडी खोली। मैं बाहर खड़ा रहा। जितेंद्र और घर के सामने रहने वाला लड़का घर के अंदर गया। जाते ही वह दौड़कर बाहर आए। कहा- मनोज फंदे पर लटका है। ममता, लक्की और कनक जमीन पर पड़े हैं। यह सुनकर मैं भी घबरा गया। मैंने तुरंत जीवाजीगंज पुलिस को कॉल किया। यह सुनकर वहां भीड़ लग गई। कुछ ही देर में पुलिस भी आ गई।
मकान मालिक बोला- उनके बीच कभी लड़ाई हुई हो
मकान मालिक आसाराम ने बताया कि मनोज का व्यवहार बहुत अच्छा था। वह हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच किराया देता था। सितंबर महीने का किराया भी दे चुका था। सुबह ठेला लेकर निकल जाता था। कभी-कभार बच्चे खेलते हुए दिख जाते थे। ढाई महीने में उनके बीच लड़ाई-झगड़े के बारे में नहीं सुना।
![जांच के लिए एसपी सचिन शर्मा समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/09/21/ujjain-3_1695319350.jpeg)
पांच साल से परिवार से बंद थी बातचीत
मनोज की मां राजूबाई रोते हुए कहती रहीं कि मना करने के बाद भी मनोज ने ममता और उसके बच्चों को रखा। अब उसका ऐसा अंत हो गया। राजूबाई ने बताया कि मनोज जब से ममता के साथ रह रहा था, तभी से सभी ने उससे बात बंद कर दी थी। कभी-कभी मनोज फोन पर जरूर बात कर लेता था, लेकिन पिछले पांच साल में ममता से कभी बात नहीं हुई। पहले मनोज पर कर्ज था, वो पूरा चुका दिया था। वो हमेशा कहता था कि राजी खुशी से है। कभी नहीं बताया कि वो किसी परेशानी में है। सावन महीने में आखिरी बार वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उसने बताया था कि खिलौने की नई दुकान लगाई है, जो अच्छी चल रही है। उसने वीडियो कॉल पर दुकान भी दिखाई थी।
दोस्त बोले- दोनों के बीच होता रहता था विवाद
मनोज के दोस्तों ने बताया कि मनोज और ममता के बीच आए दिन बच्चों को लेकर विवाद होता था। कई बार उसने इस बात का जिक्र भी किया था। दरअसल, ममता को लगता था कि उसका बेटा लक्की और कनक पहले पति से हैं। इस कारण मनोज बच्चों का ठीक से ख्याल नहीं रखता।
मौसी बोली- कर्ज से परेशान था, लोग आए दिन पैसे मांगते थे
ममता की मौसी सुमित्रा शिंदे ने बताया कि मनोज राठौर के साथ ममता पांच साल से रह रही थी। उसके दोनों बच्चे पहले पति से ही थे। पहले पति से विवाद के बाद से ममता अलग रह रही थी। ममता और मनोज दोनों का घर आमने-सामने था। दोनों के बीच दोस्ती हो गई। पांच साल पहले साथ रहने का फैसला किया। दोनों घर से भाग गए। मनोज घर से जेवरात ले गया था। इस कारण मनोज और ममता के परिवारवाले दोनों से बात नहीं करते थे।
रिश्तेदारों ने कई बार मनोज को समझाया, लेकिन वो लगातार कर्ज लेता जा रहा था। कितने का कर्ज था ये तो नहीं पता, लेकिन लोग आए दिन पैसे मांगते रहते थे। हो सकता है, कर्ज से परेशान होकर ही मनोज ने यह कदम उठाया हो।
15 साल पहले हुई ममता की शादी, पति मारपीट करता था तो छोड़ दिया
15 साल पहले ममता की शादी नागदा में हुई थी। जांच में पता चला है कि ममता का पति उसके साथ मारपीट करता था, इसलिए वो पति को छोड़कर उज्जैन आ गई थी। 2017 में मनोज की भी शादी हो चुकी थी, लेकिन मनोज की पत्नी मानसिक रूप से बीमार रहती थी। इसलिए मनोज ने उसे छोड़ दिया। नागदा से अपना घर छोड़कर उज्जैन आई ममता मनोज के घर के सामने ही किराए पर रहने लगी थी।
![मनोज ने कुछ दिनों पहले खिलौने के ठेले को शुरू किया था। वह फूल-प्रसाद के साथ खिलौने की दुकान भी लगाता था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/09/21/ujjain-7_1695319363.jpg)
जहर देकर गला घोंटने और फिर फंदे पर लटकने की आशंका
सूचना पर एसपी सचिन शर्मा, सीएसपी सुमित अग्रवाल और टीआई राकेश भारती मौके पर पहुंचे। चूंकि ममता और दोनों बच्चों के मुंह से झाग निकल रहा था। इस कारण पुलिस का मानना था कि मनोज ने सभी को जहर दिया है। इसके बाद फंदे पर झूला है, जबकि देवास से आई फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स टीम ने जांच के बाद बताया कि मनोज ने तीनों का गला घोंट कर हत्या की होगी।
एफएसएल अधिकारी आरसी भाटी ने बताया कि आशंका है कि पहले तीनों को जहर दिया हो और उसके बाद गला घोंटा गया हो। हालांकि, शुक्रवार को चारों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
मोबाइल लॉक खुलने के बाद हो सकता है खुलासा
इधर, पुलिस ने मनोज का मोबाइल और घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं। हालांकि मनोज का मोबाइल लॉक है, इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस साइबर एक्सपर्ट की मदद से लॉक खोलेगी। इसके बाद कुछ खुलासा हो सकता है।