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एक हफ्ता और बचा है! अब भी आप इन साधनों में निवेश कर बचा सकते हैं टैक्स

इनकम टैक्सपेयर्स को मौजूदा वित्त वर्ष में अगर टैक्स बचाना है, तो उसके लिए अब करीब एक हफ्ते ही बचा है. आप 31 मार्च तक जो भी निवेश करेंगे उसे ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्सेबल आमदनी से घटाया जाएगा, यानी उसके बाद आप जो निवेश करते हैं, वह इस साल के लिए काम नहीं आएगा. हालांकि यह प्लस पॉइंट है कि आपके पास टैक्स बचाने के लिए निवेश करने का अब भी करीब एक हफ्ते का वक्त है. आइए जानते हैं कि आप किन साधनों में निवेश कर अभी टैक्स बचा सकते हैं.

आपके पास अब भी मौका है कि आप 31 मार्च तक आयकर की धारा 80C, 80CCC, 80CCD, 80CCE and 80D जैसे बहुत से प्रावधानों के तहत निवेश कर टैक्सेबल इनकम में कटौती का फायदा उठा सकें. इसके बाद जब आप इस वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे तो आप उसमें इन निवेश की जानकारी देकर टैक्स रिफंड हासिल कर सकते हैं.

धारा 80 C के तहत आप कई साधनों में ​1.5 लाख रुपये तक के निवेश को अपनी टैक्सेबल इनकम से घटा सकते हैं. इस धारा के तहत निवेश वाले साधनों में ईपीएफ, पीपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, नेशनल पेंशन सिस्टम, बच्चों की स्कूली फीस आदि आते हैं. इसके अलावा धारा 80 डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भी साल भर में 25 हजार रुपये तक आयकर मुक्त होता है. इसके अलावा एनपीसी में 50 हजार रुपये का अतिरिक्त निवेश कर आप टैक्स बचत कर सकते हैं.

इस तरह अब कुछ दिनों की बात करें तो आपके लिए सरकारी NSC, सुकन्‍या समृद्धि योजना, PPF, NPS जैसी योजनाओं में निवेश का विकल्प खुला हुआ है. आप हेल्थ इंश्योरेंस या लाइफइंश्योरेंस पॉलिसी लेना चाह रहे हैं तो उसे भी अगले कुछ दिनों में लेकर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं. पीपीफ में सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. इसमें सालाना 7.1 फीसदी का ब्याज मिलता है.

आप यदि अब तक इनवेस्टमेंट प्रूफ नहीं दे पाए हैं, तो आपके एम्प्लॉयर ने इनकम टैक्स काट लिया होगा. लेकिन आप यदि कोई भी निवेश 31 मार्च से पहले कर लेते हैं तो इसकी जानकारी बाद में इस वित्त वर्ष का आईटीआर फाइल करते समय देकर आप टैक्स रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं.

आप 31 मार्च तक अपनी टैक्स स्लैब के मुताबिक निवेश कर इनका रिकॉर्ड अपने पास रख लें. जैसे बच्चे की फीस की रसीद, होम लोन का स्टेटमेंट, बीमा प्रीमियम का रिकॉर्ड, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का रिकॉर्ड, अगर आप किराए पर रहते हैं तो रेंट रिसीट, पीपीएफ जमा का रिकॉर्ड, सुकन्या समृद्ध‍ि के तहत जमा का रिकॉर्ड आदि. यह रिकॉर्ड आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाख‍िल करते समय देना पड़ेगा.