उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के पत्र के बाद भाजपा प्रवक्ता का सौशल मिडिया पर पत्र विवाद चर्चाओं में

देवास। देवास में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक पार्टियां अब समझ गईं हैं अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का सबसे बेहतरीन जरिया सोशल मीडिया है. कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही इन सोशल मीडिया पर पत्र व्यवहार कर एक दूसरे पर आरोप लगाने में कोई कसर नही छोड रहे है। बोला यह भी जा सकता है कि वर्तमान में लोगों तक पहुंचने का सबसे अच्छा जरिया दोनों ही पार्टियों के नेताओं के पास सोशल मीडिया है. यही नहीं सोशल मीडिया के जरिये किसी भी वक्त सुर्खियों में बन जाती है और इनके द्वारा किया हुआ ट्वीट या व्हाटसअप या फेसबुक पर छोडी गई बाते तुरंत खबर बन जाती है। कुछ ऐसा ही शनिवार को सौशन मिडिया पर देखने को मिले देखे क्या आरोप लगाया देानों ही पार्टियों के नेताओं ने

क्या बोले कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष
जिला (शहर) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज राजानी ने भाजपा नेताओ,सांसद, विधायक द्वारा हर कार्यकम में विघ्न पैदा करने का आरोप लगाते हुए प्रोटोकाल के उल्लघंन की बात को ढकोसला बताया है। श्री राजानी ने कहा कि वर्ष 2008 से 2013 तक मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह मुख्यमंत्री थे। इस दोरान वर्ष 2009 से 2014 तक देवास में सांसद सज्जन सिंह वर्मा थे । साथ ही इसी सत्र में बागली क्षेत्र देवास जिले में होने से खंडवा लोकसभा में अरुण यादव सांसद थे, इसलिए वो भी देवास जिले से सांसद माने जाते थे । भाजपा की सरकार ने कांग्रेस के सांसदों से केसा व्यवहार किया था यह में स्मरण दिलाना चाहता हूँ । सड़को का पैसा भारत सरकार से आता था तथा केन्द्र में सरकार कांग्रेस की होने के बावजुद दोनों सांसदों को तत्कालीन कलेक्टर द्वारा बैठको में आमंत्रित न करके केवल भाजपा के विधायको से समिक्षा बैठक आयोजित करते थे। जिसका विरोध मेने सांसद प्रतिनिधि होने के नाते किया था। उक्त प्रेस नोट में मेने भी वही कहा था जो आज विधायक, सांसद कह रहे है कि प्रशासन सत्ताधारी दल का एजेंट बनकर कार्य कर रहे है । वास्तव में विपक्ष का कार्य ही ऐसे आरोप प्रशासन पर लगाना है। साथ ही राजानी ने कहा कि नगर निगम का जहाँ तक प्रश्न है वो भी उस समय जब महापौर कांग्रेस की थी परन्तु तत्कालीन भाजपा सरकार के मंत्रियो के दबावों में सांसद को आमंत्रित नही किया गया। भाजपा नेता सता के नशे में इतने चूर थे की वे अपने ही सांसद के कई बार शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित नही करते थे। ऐसे कई अवसर आते है जब सरकार आती है जाती परन्तु लोकतंत्र में शिष्टाचार के नाते ऐसे अवसरो को नही आने देना चाहिए जिसकी शुरुआत पिछले 15 वर्षो में भाजपा शासन के कार्यकाल से हुई है।
कबीर का दोहा आज भी प्रासंगिक है की बोया पेड़ बबूल का तो आम कहा से होय।
समय का चक्र घुमाता रहता है , हमें अच्छे कार्यो की सराहना करनी चाहिए विपक्ष के नेताओ को समझना चाहिए। कि सरकार आपने भी चलाई है और आपके द्वारा किये गए अधूरे कार्यो को पूर्ण करने का अवसर किसी और को मिला है तो उन कार्यो के पूर्ण होने पर बधाईयां देकर खुशियाँ मनाना चाहिए न की तेरा मेरा,मान-सम्मान तथा कुर्सी की लड़ाई को सार्वजानिक कर लोकतंत्र में मर्यादाओं को ताक में रखकर अधिकारों की लड़ाई के बजाय अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों को अंगीकृत करना चाहिए जिससे मान सम्मान मिल सके ।


भाजपा प्रवक्ता भाी नही हटे पीछे
मान.शहर कांग्रेस अध्यक्ष जी, अगर भाजपा सरकार में सांसद जी की उपेक्षा की गई थी तो आपको उसी समय विरोध प्रकट करना था। आज जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि अगर अपने अधिकारों के लिए विरोध कर रहे है तो आपको आज उस समय की याद आरही है।
इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि आप शहर के विकास के लिए विपक्ष आवाज न उठा सके उसके किये सरकारी तंत्र को डराकर बदले की भावना से काम कर रहे है
साथ ही मेरा ऐसा मानना है कि अगर आप अपने अधिकारों के लिए ही सजग नही रहोगे तो जनता के अधिकारों के लिए कैसे जबाबदार रहोगे ……. भाजपा जिला प्रवक्ता शंभु अग्रवाल