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किशोर बियानी की कंपनी को HC से बड़ी राहत, फ्यूचर रिटेल के शेयर 6% भागे

फ्यूचर ग्रुप को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने सिंगल जज बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है. दिल्ली HC ने मार्च 18 के आदेश पर रोक लगाई है. दिल्ली HC ने सोमवार को FRL डील मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.

फ्यूचर ग्रुप को हाई कोर्ट से राहत के बाद फ्यूचर ग्रुप के शेयरों में तेजी देखने को मिली है. सोमवार को फ्यूचर रिटेल के शेयर में 6 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई, जबकि 18 मार्च को जिस दिन सिंगल जज बेंच से अपना फैसला दिया था, उस दिन फ्यूचर रिटेल के शेयर में 10 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया था.

इस मामले में दिल्ली HC ने अमेजन को नोटिस भी दी है. फ्यूचर रिटेल और Future Coupon की अर्जी पर Amazon को नोटिस दी गई है. हाई कोर्ट के 2 जजों की बेंच 30 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगी. सिंगल जज बेंच ने किशोर बियानी की संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए थे.

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के 18 मार्च को उस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की थी, जिसमें फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर किशोर बियानी के संपत्तियों को अटैच करने और उनको फ्यूचर ग्रुप की संपत्ति को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने से रोका गया था.

रिलायंस के साथ फ्यूचर ग्रुप के सौदे का अमेजन ने विरोध किया है. पिछले करीब 6 महीने से अदालत में डील को लेकर मामला चल रहा है, इसी हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश ने फ्यूचर समूह के रिलायंस इंडस्ट्रीज के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगा दी थी.

अब फ्यूचर ग्रुप ने एकल न्यायाधीश की पीठ के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ में चुनौती दी है. सिंगल जज बेंच ने फ्यूचर ग्रुप के रिलायंस इंडस्ट्रीज के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगा दी थी. इस सौदे के तहत फ्यूचर समूह अपना खुदरा और थोक कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेच रहा है.

फ्यूचर-रिलायंस सौदे को ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने चुनौती दी थी. इस सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) तथा शेयर एक्सचेंजों की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. अब इस सौदे के लिए एनसीएलटी और शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी है.

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपय का सौदा हुआ था. इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा. लेकिन अमेजन को इस सौदे को लेकर आपत्ति है. इसलिए अमेजन ने सिंगापुर की कोर्ट में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप को लेकर याचिका दाखिल की थी.

अमेजन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप को मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप के साथ सौदा करने पर रोक लगाई जाए. अमेजन के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के सौदे के विरोध का कारण है कि अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपये का पेमेंट भी किया था. इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा. अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा.