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कोरोना का कहर: लोअर सर्किट के बाद भी बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 3190 अंक टूटा

दुनिया भर के शेयर बाजारों पर कोरोना का कहर जारी है. इसकी वजह से ही सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. सुबह 10 बजे के बाद जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसके बाद एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई.

दुनिया भर के शेयर बाजारों पर कोरोना का कहर जारी है. इसकी वजह से ही सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. सुबह 10 बजे के बाद जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसके बाद एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई. लोअर सर्किट लगा दिया गया और कारोबार 1 घंटे के लिए रोक दिया गया. हालांकि एक घंटे बाद जब सेंसेक्स फिर खुला तो इसमें और गिरावट देखी गई. सुबह 11 बजे तक सेंसेक्स 3190 अंक टूटकर 26726 तक पहुंच गया.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 2307 अंकों की भारी गिरावट के साथ 27608 पर खुला. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी करीब 800 अंकों की गिरावट के साथ 7945 पर खुला. सुबह 9.40 बजे तक सेंसेक्स 2775 अंक टूटकर 27,140 पर पहुंच गया. इसी तरह निफ़्टी भी थोड़ी ही देर में 7,941 तक पहुंच गया.करीब 860 शेयरों में गिरावट है, सिर्फ 90 शेयरों में तेजी देखी गई. सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में हैं.

कब लगता है लोअर सर्किट, कितनी देर रुकता है कारोबार

शेयर बाजार में लगाए जाने वाले सर्किट फिल्टर तीन तरह के होते हैं. पहला 10 फीसदी, दूसरा 15 फीसदी और तीसरा 20 फीसदी का होता है. यदि 10 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार को रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री ओपन सेशन होता है.

यदि सर्किट 1 बजे के बाद लगता है तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुकता है. शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह बंद रहता है और 15 मिनट का प्री ओपन सेशन होता है. यदि सर्किट 2 के बाद लगता है तो दिन के बाकी बचे समय तक कारोबार रोक दिया जाता है.

पूरे एशियाई बाजार डूबे

कोरोना के कहर की वजह से सोमवार को समूचे एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. दुनिया के कई देशों द्वारा दिए गए राहत पैकेज से बाजारों को कोई सहारा नहीं मिला है और निवेशकों की बेचैनी बरकरार है. निवेशकों का नेगेटिव मूड इस वजह से और हावी हो गया क्योंकि एक लाख करोड़ डॉलर के इमरजेंसी आ​​र्थिक पैकेज पर अमेरिकी सांसदों में सहमति नहीं बन पाई है.

गौरतलब है कि दुनिया भर में कोरोना के कहर से होने वाले मौतों की संख्या 14 हजार के पार हो गई है. करीब 1 अरब लोग घरों में कैद हैं और दर्जनों देशों में कारोबार पूरी तरह से ठप है, जिसकी वजह से मंदी की आशंका गहराने लगी है.

न्यूजीलैंड में चार सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा की गई है, जिसकी वजह से वेलिंग्टन शेयर बाजार 9.3 फीसदी टूट गया.

हांगकांग का हैंगशेंग इंडेक्स करीब 3.7 फीसदी टूट गया और चीन का शंघाई इंडेक्स 2.5 फीसदी टूटा है. ताइवान के शेयर बाजार में भी 2.8 फीसदी की गिरावट आई है. सिंगापुर का शेयर बाजार तो 7.5 फीसदी टूट गया.

सुबह करीब 9.30 बजे सेंसेक्स के शेयरों की हालत

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शुक्रवार को था उतार—चढ़ाव

इसके पहले शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत भारी उतार-चढ़ाव के साथ हुई. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 400 अंक से अधिक मजबूत हो गया. इसी तरह, निफ्टी में भी करीब 100 अंकों की तेजी रही. लेकिन कारोबार के 20 मिनट के भीतर बाजार ने बढ़त भी गंवा दी और सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान पर कारोबार करने लगे.

कारोबार के अंत में सेंसेक्स 5.75 फीसदी या 1627.73 अंक मजबूत होकर 29,915.96 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी की बात करें तो ये 482 अंक या 5.83 फीसदी मजबूत होकर 8,745 अंक पर रहा. अगर एक दिन पहले से तुलना करें तो सेंसेक्स 2200 अंक रिकवर होकर बंद हुआ है जबकि निफ्टी 685 अंक तक मजबूत हुआ.