प्याज उत्पादक इलाकों में सितंबर महीने में जमकर बारिश हुई है. इसकी वजह से फसल को काफी नुकसान हुआ है और उसमें कई बीमारियां भी लगी हैं.
टमाटर की महंगाई से देश की आम जनता परेशान है, अब प्याज की कीमतें (Onion price surge) भी रुलाने की तैयारी कर रही हैं. पिछले एक महीने में थोक बाजार में प्याज कीमतें दोगुनी हो गई हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस बार त्योहारी सीजन में प्याज महंगी ही रहेगी और मध्य जनवरी से पहले राहत की उम्मीद नहीं है.
देश के प्याज उत्पादक कई इलाकों में भारी बारिश की वजह से प्याज की गर्मियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है और जाड़े के फसल की बुवाई में देरी हुई है. गौरतलब है कि इसके पहले टमाटर की कीमतों के काफी बढ़ने की खबर आई थी. कोलकाता में तो खुदरा बाजार में टमाटर 93 रुपये किलो तक पहुंच गया है.
लगातार बढ़ रहे दाम
न्यूज एजेंसी रॉयर्टस की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र लासलगांव में प्याज की थोक कीमत एक महीने में ही करीब दोगुना बढ़कर 33,400 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई है. मुंबई में प्याज की खुदरा कीमत भी 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर हो गई है. प्याज का निर्यात अभी खुला हुआ है, लेकिन अगर कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो सरकार फिर निर्यात पर रोक लगा सकती है.
गौरतलब है कि प्याज की कीमत राजनीतिक रूप से काफी संवदेनशील मसला रहा है. हर साल प्याज की कीमत कुछ महीने इसी वजह से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाती है और इस साल फिर से कीमतें ऊपर की ओर जा रही हैं.
फसल को काफी नुकसान
जानकारों का कहना है कि इस बार प्याज उत्पादक इलाकों में सितंबर महीने में जमकर बारिश हुई है. इसकी वजह से फसल को काफी नुकसान हुआ है और उसमें कई बीमारियां भी लगी हैं. देश में प्याज उत्पादक प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में सितंबर में सामान्य से 268 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.
व्यापारियों का कहना है कि इस बार त्योहारी सीजन में प्याज महंगा ही रहेगा और मध्य जनवरी से पहले राहत की उम्मीद नहीं है. जनवरी में नई फसल आ जाएगी.