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परमिशन लेटर फाड़कर फेंका-पंडित को मारा थप्पड़, DM ने यूं रोकी कर्फ्यू में हो रही शादी

कोरोना काल में जिन्होंने शादी में गाइडलाइन का ख्याल रखा उनकी शादी तो बिना बाधा के हो गई, लेकिन जिन्होंने प्रशासन को गच्चा देने की कोशिश की, वे खुद गच्चा खा गए. अगरतला के एक मैरि‍ज हॉल में शादी की अच्छी-भली पार्टी चल रही थी. इसी बीच सिंघम की तरह पहुंच गए डीएम शैलेश यादव. शादी के समारोह में तय लोगों से ज्यादा भीड़ थी. नाइट कर्फ्यू था, फिर भी पार्टी देर रात तक चल रही थी.

शादी में मौजूद बारातियों की भीड़ के साथ पुलिसवालों को देखा तो डीएम भड़क गए. पहले तो बैंड वालों को वहां से भगाया. इसके बाद पुलिस वालों पर आफत टूट पड़ी. मौके पर मौजूद अफसर की फोटो खींची और पूरी क्लास लगा दी.

डीएम शैलेश यादव तो इतने गुस्से में थे क‍ि भाषा की मर्यादा की सीमा को पार करने लगे. डीएम साहब के इस रौद्र रूप से पुलिस वालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. डीएम ने मौके से ही आला अधिकारियों से फोन पर बातचीत की और इस कार्यक्रम में सहयोग करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की बात कही. दूल्हे राजा दुल्हन के साथ सात फेरों के सपने देख रहे थे लेकि‍न वो थाने पहुंच गए.

डीएम शैलेश यादव ने राज्य सरकार से ईस्ट अगरतला के पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग की है. यही नहीं इस शादी मंडप समेत दो मंडपों को डीएम ने साल भर के लिए सीज भी कर दिया है. बताया जा रहा है कि बाद में डीएम ने इसके लिए माफी मांगी है.

वहीं डीएम शैलेश यादव के इस एक्शन पर बीजेपी विधायक शुशांता चौधरी का कहना है कि एक शादी के दौरान करीब 11:30 बजे डीएम अचानक मैरिज हॉल में घुसे और जाकर शादी रुकवा दी. वहां पर जो बजुर्ग पुरोहित जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा होगी उन्हें मारा जो ठीक नहीं है. दूल्हे और दुल्हन को मारा, उनके माता-पिता को गालियां दीं. जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल उन्होंने किया वो एक डीएम को शोभा नहीं देता. इस मामले को लेकर 5 विधायकों ने एक चिट्ठी लिखी है.