खेल डेस्क. टीम इंडिया के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। ओझा ने शुक्रवार को ट्विटर पर इसका ऐलान किया। 2013 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुंबई में ओझा ने आखिरी टेस्ट खेला था। यह सचिन तेंदुलकर का भी आखिरी टेस्ट मैच था। इस मैच में ओझा ने दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लिए थे। 33 साल के ओझा फिलहाल कमेंट्री और क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियों में व्यस्त हैं।
प्रज्ञान ने 2009 में टेस्ट डेब्यू किया। कुल 24 टेस्ट, 18 वनडे और 6 टी-20 खेले। उन्हें भारत के सबसे बेहतरीन बाएं हाथ के स्पिनर्स में से एक माना जाता है।
हरभजन की कमी पूरी की- ओझा 2009 में उस वक्त टीम इंडिया का हिस्सा बने जब हरभजन सिंह धार खो रहे थे। ओझा ने रविचंद्रन अश्विन के साथ टीम इंडिया के स्पिन अटैक को नई दिशा दी। 2012 में भारत इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज 2-1 से हारा था। उस सीरीज में भी ओझा ने 20 विकेट लिए थे।
हालांकि, इसके अगले साल यानी 2013 में रविंद्र जडेजा ऑलराउंडर के तौर पर टीम इंडिया में आए और ओझा बाहर हो गए। इसके बाद वो कभी टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं बने।
करियर रिकॉर्ड– ओझा ने 24 टेस्ट में 113, 18 वनडे में 21 और 6 टी-20 में 10 विकेट लिए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम कुल 424 विकेट दर्ज हैं। इसके लिए उन्होंने 108 मैच खेले। 2018 में उन्होंने अपना अंतिम फर्स्ट क्लास मैच बिहार के लिए उत्तराखंड के खिलाफ खेला।
आईपीएल में वो डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस के लिए खेले। हालांकि, 2015 से वो आईपीएल की किसी टीम का हिस्सा नहीं हैं। आईपीएल में उन्होंने कुल 92 मैच खेले और 89 विकेट हासिल किए।
सचिन और अपने आखिरी टेस्ट को यादगार बनाया– यह संयोग ही है कि प्रज्ञान और सचिन तेंदुलकर ने एक साथ अंतिम टेस्ट खेला। सचिन तो पहले ही संन्यास का ऐलान कर चुके थे। लेकिन, ओझा इसके बाद कभी टीम इंडिया के लिए टेस्ट नहीं खेला। 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस मैच में प्रज्ञान ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे थे। उन्होंने दोनों पारियों मे 5-5 विकेट लिए थे।