Bhopal| आज मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में अट्ठाइस नए मंत्री शामिल हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के लग भाग दो महीने बाद आखिरकार आज उनकी पूरी टीम बन गयी, गुरूवार यानि 02 जुलाई 2020 को सभी नए मंत्री ने शपथ ली,इनमे से 7 मंत्री पहले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके है जबकि 9 मंत्री सिंधिया खेमे से हैं,शपथ लेने वाले सभी 28 मंत्रियों में से 20 को कैबिनेट और 8 को राज्य मंत्री बनाया गया है। इन्ही मंत्रियों के बीच कांग्रेस के पूर्व नेताओं की एक महत्वपूर्ण संख्या ने मंत्रिमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मोहर लगा दी जो की कई महीनों से विवादों में घिरे हुए थे । मार्च के महीने में कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई वफादारों ने आज शपथ ली। श्री सिंधिया की चाची यशोधरा राजे सिंधिया जो की क भाजपा नेता हैं को भी मंत्री मंडल में शामिल किया गया।
शिवराज की सरकार में 41 % यानि 14 मंत्री कांग्रेस से शामिल हुए हैं और इनमे से अभी एक भी विधायक नहीं है।
इसी बीच सिंधिया को एक और फ़ायदा हुआ है की 20 कैबिनेट मंत्रियों में से 5 मंत्री सिंधिया खेमे से हैं। 4 कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे थे और बचे 7 पहले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। शिवराज के पुराने मंत्रियों में से गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे और विश्वास सरंड मंत्री बने हैं। जबकि प्रभुराम चौधरी, महेंद्र शिसोदिया , इमरती देवी और प्रदुम्मन सिंह पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री थे, शिवराज की टीम में अब कुल मिला के ३४ मंत्री हैं और पिछली बार ५ मंत्रियों ने शपथ ली थी।
शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण में कहा की ” मंथन से तो अमृत ही निकलता है विष तो शिव पी जाते हैं अमृत तभी उत्प्पन्न होगा जब कोई मंथन करेगा और भगवन हिव को विष पीना ही चाहिए। ”
आज उभे मुख्यमंत्री ने एक बधाई सन्देश ट्वीट करते हुए लिखा ” मैं आज हापथ लेने वाले सभी मंत्रियों को बधाई देता हूँ, हम सभी अध्यप्रदेश में विकास और लोक कल्याण के अपने अमान्य लक्षो को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है की मुझे उनका पूरा साथ मिलेगा और नए उधर लाने में सभी मेरा समर्थन करेंगे ”
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार मार्च के बाद हुआ जब कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 अन्य नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी बीच मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपनी सत्ता खो दी थी और भाजपा की सरकार ने मध्यप्रदेश में दस्तख दी।
भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश में अप्रैल में पांच मंत्रियों के साथ काम करना शुरू कर दिया था जिन्हे श्री चौहान के मार्च में शपथ लेने के बाद शामिल किया गया था।
राज्यसभा चुनाव की देरी में कोरोना वायरस को जिम्मेदार ठहराया गया था।
Mansi Joshi @ Samacharline