उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

मुस्लिम समाज ने नागरिक संशोधन बिल के विरोध में दिया ज्ञापन पुलिस की रही चाक चौबंद व्यवस्था, सुरक्षा की दृष्टि से बंद किए गए मार्ग


देवास। नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में बवाल मचा है। देवास में भी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज ने ईदगाह मस्जिद से नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकता संशोधन विधेयक एनआरसी के विरोध में ज्ञापन कलेक्टर को दिया। जिला प्रसाशन ने शहर भर में बनाए रखने की अपील की थी। वहीं जिले में धारा 144 प्रभावित है, जिसको लेकर पुलिस भी सक्रियता से कार्य कर रही थी। विधेयक के विरोध में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट डाली गई थी, जिसमें प्रदर्शन की अपील की गई थी। जबकि धारा 144 प्रभावित थी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकता संशोधन विधेयक एनआरसी के विरोध में मुस्लिम समाज ने ्रशुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद कलेक्टर श्रीकांत पांडेय व पुलिस अधीक्षक चंन्द्रशेखर सोलंकी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन से पूर्व कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को मस्जिद के समीप बनाए गए मंच पर बुलाया जहां उन्हें देश में अमन रहे इस हेतु गुलाब का फूल देकर उनका सम्मान किया। इससे पहले ईदगाह जामा मस्जिद पर समस्त मुस्लिम एकत्रित हुए व नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकता संशोधन विधेयक एनआरसी के विरोध में तख्तियां लेकर विरोध करते देखे गए। वहीं राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भी हाथों में लिए हुए थे। जहां उन्होनें हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। वहीं शहर काजी ने लोगों से आग्रह किया था की किसी भी प्रकार से कोई प्रदर्शन नहीं करेगा और शांति सद्भाव के साथ ज्ञापन दिया जाएगा। जिस पर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर उक्त बिल पर संशोधन करने की मांग की गई।
पुलिस की रही पुख्ता व्यवस्था
ज्ञापन के तहत पुलिस विभाग ने सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम किए थे किसी भी प्रकार से कोई घटना न हो इसके लिए पुलिस शहर के सभी संवेदनशील क्षेत्रों मेंं मौजूद थी। वहीं ईदगाह मस्जिद पर के आसपास नमाज के दौरान कई रास्तों को बंद कर दिया गया था, वहीं पैदल आ-जा रहे लोगों में वही लोग ही दिखे जो नमाज पढऩे के लिए जा रहे थे।
किया प्रदर्शन
ज्ञापन देने के बाद कुछ लोगों ने एकजुट होकर हुड़दंग करने का प्रयास किया वह लोग मुख्य मार्ग व शुक्रवारिया हाट में जाकर प्रदर्शन कर रहे थे, जहां पुलिस ने उन्हें वापस लौटाया। हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग एबी रोड़ पर आए जो कुछ देर तक प्रदर्शन करते रहे फिर मौजूद पुलिस विभाग ने उन्हें वापस लौटा दिया।
यह दिया था ज्ञापन
शहर काजी की और से समस्त मुस्लिम समाज ने ज्ञापन दिया जिसमें उल्लेख था की एनडीए सरकार लोकसभा व राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करके उसे खारिज करने में सफल रही है। जो आपके हस्ताक्षर के बाद कानून का रूप ले चुका है। सरकार का दावा है की यह मुक्त कानून तीन पड़ोसी देशों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिन्दू, बुद्ध, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पासरियों समाज को भारतीय नागरीकता देने की राह आसान करेगा। उक्त बिल को धर्म से जोडक़र एनडीए सरकार ने अपनी सांप्रदायिक सोच को रेखांकित किया है। धर्म के आधार पर नागरिकता का प्रावधान सरकार की नियत व नीति को साबित करता है। हमारा मानना है की राजनीतिक हितों के लिए ऐसा किया गया है। अन्यथा किसी सताए गए समुदाय को धर्म का टेग लगाकर उसे जगाने की क्या जरूरत है पीडि़त तो पीडि़त होता है। उसे धर्म के चश्में से देखना ठीक नहीं है। इस कानून के माध्यम से सरकार ने बिलावजह देश में हिन्दू व मुस्लिम की बहस छेड़ दी है। जो देश के लिए नुकसान और खतरनाक है, अगर सरकार को उपरोक्त धार्मिक ईकाइयों से इतनी ही हमदर्दी थी तो श्रीलंका में सताए जा रहे तमिल लोगों को इस बिल के कानून में क्यों शामिल नहीं किया गया। महज तीन मुस्लिम देशों के हिसाब से बनाया गया यह बिल खुद ही पीडि़तों के प्रति सरकार के रवैये की नियत पर ऊंगली उठाता है। दूसरी और देश के कई हिस्सों में नकारात्मक भाव उत्पन्न हुए है, और नाराजगी पैदा हुई है। जो किसी भी तरह अच्छी चीज नहीं है। यह कानून सरकार के एनआसी की नीति की असफलताओं को छुपाने का प्रयास है, और यह देश को धर्मनिरपेक्ष और ताने-बाने की पहचान को नष्ट और खत्म कर देने का एक जरिया है। दूसरी तरफ यह भारत की सारी मानव जाति को एक परिवाद बांटने की प्राण में प्राचीन धारणा को नकारता है, अन्यथा श्रीमान से हम मांग करते हैं वह इस कानून को वापस लेकर देश की राजनीतिक, सामाजिक, नैतिक और उदार छवि को बचाए ऐसी मांग समाज करता है।
इनका कहना :-
आज मुस्लिम समाज ने ज्ञापन दिया है और बहुत ही शांति का माहौल था, मुस्ल्मि समाज को शुक्रिया भी दिया है की उन्होनें शांति सद्भाव बनाए रखा। समाज की और से शहर काजी ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है। मुख्यालय से शांति सद्भाव बना रहे इस प्रकार के दिशा निर्देश भी दिए गए थे। उसके लगातार पुलिस विभाग और समाजजनों से भी चर्चा जारी रही जिसके तहत सभी का पूरा सहयोग रहा। किसी भी तरह से शहर व जिले की फिजा नहीं बिगड़े यह हम सभी का कर्तव्य है।
श्रीकांत पांडेय
कलेक्टर