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रक्षा मंत्रालय की नई इमारतों का PM मोदी करेंगे उद्घाटन, जानिए 10 खास बातें

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने रक्षा मंत्रालय के दो कार्यालयों का उद्घाटन होगा. ये कार्यालय कस्तूरबा गांधी मार्ग, सेंट्रल दिल्ली और अफ्रीका एवेन्यू, चाणक्यपुरी में बने हैं.

केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा के तहत पहली बिल्डिंग्स आखिरकार तैयार हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को रक्षा मंत्रालय के दो कार्यालयों का उद्घाटन करेंगे. ये कार्यालय कस्तूरबा गांधी मार्ग, सेंट्रल दिल्ली और अफ्रीका एवेन्यू, चाणक्यपुरी में स्थित हैं.

ये दोनों बिल्डिंग्स सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले फेज के तहत तैयार हुई हैं. दरअसल, अबतक रक्षा मंत्रालय का मुख्य दफ्तर साउथ ब्लॉक के पास था, जबकि बाकी दफ्तर इधर-उधर थे. इनको अब इन दो बिल्डिंग्स में समाहित कर दिया जाएगा. दोनों ही बिल्डिंग्स अब तैयार हैं. अगले कुछ महीनों में कर्मचारी इनमें शिफ्ट हो जाएंगे.

जानिए इन बिल्डिंग्स की खासियत

1. रक्षा मंत्रालय के दो नए कार्यालय तैयार हुए हैं. पहला कस्तूरबा गांधी मार्ग (सेंट्रल दिल्ली) और दूसरा अफ्रीका एवेन्यू (चाणक्यपुरी) में स्थित है.

2. दोनों ही बिल्डिंग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसके तहत लुटियन दिल्ली में आने वाले 86 एकड़ के हिस्से को रीडेवेलप किया जाना है, यह प्रोजेक्ट कुल 20 हजार करोड़ रुपये का है. इसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के नए आवास भी बनने हैं.

3. रक्षा मंत्रालय के इन दो कार्यालयों को तैयार करने में 775 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

4. इन दो दफ्तरों में कुल 7 हजार ऑफिसर्स-कर्मचारी काम कर सकेंगे. जो कि 27 अलग-अलग संगठनों के होंगे.

5. अफ्रीका एवेन्यू वाला कॉम्पलेक्स 7 मंजिला है, जिसमें सिर्फ रक्षा मंत्रालय के दफ्तर होंगे.

6. केजी मार्ग वाला दफ्तर 8 मंजिला है, जिसमें परिवहन भवन, श्रम शक्ति भवन के ऑफिस भी होंगे. इनके ऑफिस इनकी नई बिल्डिंग तैयार नहीं होने तक यहां से चलेंगे.

7. नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कर्मचारी बैठेंगे.

8. भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और निगरानी करेगा.

9. नए रक्षा कार्यालय परिसर काफी एडवांस हैं. इन इमारतों की एक खासयित यह भी है कि इनके निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का इस्तेमाल हुआ है.

10. इस तकनीक की वजह से पारंपरिक आरसीसी निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने कम हो गया.