कथित उर्वरक घोटाले (Alleged Fertilizer Scam) के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के भाई अग्रसेन गहलोत (Agrasen Gehlot) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का समन पहुंचा है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के भाई अग्रसेन गहलोत (Agrasen Gehlot) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन भेजा है. समन भेजकर उनको आज सोमवार को पूछताछ के लिए जयपुर बुलाया गया है. बता दें कि अग्रसेन गहलोत पर सब्सिडी वाले उर्वरक (खाद) का कथित अवैध निर्यात करने का आरोप है.
पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने कथित उर्वरक घोटाले (Alleged Fertilizer Scam) के मामले में अग्रसेन गहलोत से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. अग्रसेन गहलोत के घर और प्रतिष्ठानों पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 22 जुलाई 2020 को छापेमारी की गई थी. ईडी ने तब भी उनको समन किया था. लेकिन तब अग्रसेन गहलोत पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे.
कोर्ट ने लगाई थी अग्रसेन गहलोत की गिरफ्तारी पर रोक
राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच ने पिछले हफ्ते ही अग्रसेन गहलोत की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने माना था कि अग्रसेन गहलोत जांच में ईडी का सहयोग करेंगे. यह फैसला अग्रसेन गहलोत की याचिका पर उन्हें अंतरिम राहत देते हुए दिया गया था.
इस मामले में कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार को निशाना बना रही है. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर राजस्थान सीएम के करीबियों को निशाने पर ले रही है.
अग्रसेन गहलोत पर क्या हैं आरोप
आरोप है कि अग्रसेन गहलोत के स्वामित्व वाली कंपनी म्युरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) फर्टिलाइजर का निर्यात कर रही थी, जो निर्यात के लिए प्रतिबंधित है. एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) द्वारा आयात किया जाता है और फिर इसे किसानों के बीच रियायती दरों पर वितरित किया जाता है.
आरोप हैं कि अग्रसेन गहलोत इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के अधिकृत डीलर थे और 2007-09 के बीच उनकी कंपनी ने रियायती दरों पर एमओपी को खरीदा और इसे किसानों को वितरित करने के बजाय कुछ अन्य कंपनियों को बेच दिया. उन्होंने इसे इंडस्ट्रियल सॉल्ट के रूप में मलेशिया और सिंगापुर को निर्यात किया.