उज्जैनमध्य प्रदेशहोम

विक्रमोत्सव 2025 : अनुप्रिया की वायलिन प्रस्तुति, श्रोताओं ने तालियों से किया स्वागत

उज्जैन। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र “विक्रमोत्सव 2025” अंतर्गत पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल, कालिदास अकादमी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदुषी अनुप्रिया देवताले ने वायलिन के साथ अपनी प्रस्तुति दी। श्रोताओं ने उनका तालियों से स्वागत किया। उन्होंने अपने वादन की शुरुआत राग भीमपलासी से की। राग भीमपलासी एक मधुर, शांति देने वाला और भावपूर्ण राग है।अनुप्रिया देवताले हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपनी उत्कृष्टता के लिए जानी जाती हैं। उनका वादन सौम्यता, तकनीकी निपुणता और गहरी अभिव्यक्ति से भरपूर था। उन्होंने राग भीमपलासी की सूक्ष्मताओं को वायलिन पर बड़ी सुंदरता से ध्वनित किया।