एनसीपी नेता और महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में मंत्री जितेंद्र अह्वाड ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि अब स्वघोषित देशभक्त चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की बात करते हैं.
चीन से विवाद के बीच देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मुहिम चल रही है. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे पत्रों का भी जिक्र किया, जिनमें चीनी सामान का उपयोग न करने का संकल्प लेने का जिक्र किया गया था. अब तक कांग्रेस को भी चीन मुद्दे को लेकर राजनीति न करने की नसीहत देती रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में मंत्री जितेंद्र अह्वाड ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि अब स्वघोषित देशभक्त चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की बात करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे के संगठन ने चीन से 3 करोड़ रुपये का दान लिया. एनसीपी नेता जितेंद्र इतने पर ही नहीं रुके.
उद्धव सरकार के मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को भी लपेटे में ले लिया. अह्वाड ने आरोप लगाया कि डोभाल से संबंधित संगठन भी चीनी संगठनों से जुड़ा हुआ है. वे अब चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की बात करते हैं. गौरतलब है कि चीन से लद्दाख में चल रहे तनाव को लेकर विपक्षी कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. भाजपा ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
भाजपा ने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से धनराशि राजीव गांधी फाउंडेशन में ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था. भाजपा ने कांग्रेस पर चीन से डोनेशन लेने का भी आरोप लगाया था. अब जितेंद्र अह्वाड ने चीन से डोनेशन को लेकर ही केंद्र की सत्ताधारी भाजपा को कठघरे में खड़ा कर दिया है. गौरतलब है कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने पिछले दिनों ही यह कहा था कि चीन से तनाव को लेकर राजनीति करना ठीक नहीं है.
शरद पवार ने सीधे-सीधे किसी का नाम लिए बिना अपनी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को यह संदेश भी दिया था कि हमें 1962 नहीं भूलना चाहिए. बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद से ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार पर हमलावर हैं.