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मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान एक तरफ तो विकास पर्व मना रही है। प्रदेश में सब जगह बेहतरीन सड़कें बनाने का दावा कर रही है, जबकि हकीकत है कि जिलों के अंदरुनी हिस्सों में सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। शहडोल जिले के जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में सड़कों का जाल अब तक नहीं बिछाया जा सका है। मजबूरन लोगों को कीचड़ से सने रास्तों पर चलना पड़ता है। परेशान होने वालों में न केवल बड़े शामिल हैं, बल्कि बच्चों को भी उसी रास्ते से स्कूल जाना पड़ता है।
शायद इसलिए आजादी के 75 साल बाद भी आज तक जिले के ग्राम पंचायत जैतपुर विधान सभा क्षेत्र के बहगढ मे आज तक सडक तक का निर्माण नहीं हो सका है। जब मूलभुत सुविधाओं का यह हाल है तो फिर विकास के अन्य कार्यों का अंदाज स्वयं लगाया जा सकता है। ग्रामवासियों ने बताया की कच्ची सडक के कारण आवागमन मे काफी परेशानी हो रही है। सर्वाधिक दिक्कत बारिश के समय होती है। सारी सड़क कीचड बन जाती है। वाहन तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। इसी मार्ग से होकर मोहल्ले के दर्जनों विद्यार्थी स्कूल जाते हैं। बारिश के समय सड़क के दलदल में तब्दील होने के कारण छात्र-छात्राओ को स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार इस संबंध में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी इस समस्या को बताया गया लेकिन नतीजा सिफर रहा। सुनवाई नहीं होने के कारण अब ग्रामीणों ने भी मन बना लिया है कि चुनाव से पहले यह सड़क नहीं बनी तो वोट नहीं डालेंगे। इसके साथ ही सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा भी लगाया।