फिल्म रिव्यू

सस्पेंस-थ्रिलर अच्छा उलझाऊ कहानी और एडिटिंग में फंसी मल्टी स्टारर ‘मलंग’

बॉलीवुड डेस्क–   वैसे तो हर फिल्म की किस्मत दर्शक और बॉक्स ऑफिस तय करेगा पर यहां बात करते हैं मोहित सूरी निर्देशित फिल्म ‘मलंग’ की। ‘मलंग’ की कहानी एक सीधे-सिंपल कपल की कहानी है। सारा (दिशा पटानी) अपने मां-बाप के आचरण से परेशान होकर विदेश से भारत आती हैं तो अद्वैत (आदित्य रॉय कपूर) माता-पिता के झगड़े से तंग आकर अपनी लाइफ एंजॉय करने घर से निकल जाते हैं।

दोनों की मुलाकात गोवा में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान होती है। इनके बीच प्यार-रोमांस होता है। सारा मां बनने वाली होती है, तभी पुलिस के साथ एक ऐसा हादसा होता है जो दोनों की लाइफ बदल देता है। दोनों इसका बदला पुलिस ऑफिसर से कैसे लेते हैं, यह फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।

इस सस्पेंस-थ्रिलर कहानी का सब्जेक्ट अच्छा चुना गया है लेकिन कहने का अंदाज और एडिटिंग इतनी उलझाऊ है कि दिमाग पर जोर डालने के बाद ही समझ में आती है। एक तरफ आदित्य और दिशा की फ्लैश बैक की कहानी चलती है। दूसरी तरफ उनके बीच प्यार-रोमांस और पुलिस के साथ जद्दोजहद दिखाया जाता है।

अनिल कपूर को ग्रे शेड पुलिस ऑफिसर के किरदार को अनोखा बनाने की कोशिश की गई है पर उनके हंसने और केस साॅल्व करने का अंदाज असर नहीं डालता है। हां, कुणाल खेमू ऐसे पुलिस ऑफिसर बने हैं जिनको अपनी मर्दानगी पर भरोसा नहीं है। कुणाल की अदाकारी थोड़ी जीवंत लगती है।

आदित्य का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन ठीक लगा। अपने किरदार पर की गई उनकी मेहनत भी साफ नजर आती है। हां, फिल्म में लोकेशन का चुनाव सही बन पड़ा है, जो रियल लगता है। फिल्म में गानों की बात की जाए तो ‘हुई मैं मलंग…’ ऐसा पार्टी सांग बन पड़ा है, जो बेशक पार्टी-फंक्शन में सुनाई देगा।

इसके अलावा टाइटल सांग भी बढ़िया है। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म की सफलता दर्शक तय करेंगे, मगर इसे पांच स्टार में से देने को कहा जाए, तब ज्यादा से ज्यादा ढाई स्टार ही दिया जा सकता है।