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साफ्टवेयर बनाकर करते थे ठगी, ऑनलाइन गेम्स खिलाने वाले लोगों को पुलिस ने धरदबोचा


षडयंत्र पूर्वक बेईमानी से छल करते हुए साफ्टवेयर बनाकर करते थे ठगी
ऑनलाइन गेम्स खिलाने वाले लोगों को पुलिस ने धरदबोचा
छ: माह पूर्व इंदौर के एक युवक ने दिया था आवेदन
मप्र के साथ दो अन्य राज्यों के हैं आरोपी
देवास।
छ: माह पूर्व इंदौर के एक युवक ने जिले के बागली थाने में आवदेन दिया था कि उसके साथ एक युवक ने विश्वास में लेकर ऑनलाइन गेम में रुपये लगवाकर लाखों रुपये ऐंठ लिए। वही इस आरोपी के साथ और भी अन्य राज्यो के आरोपी जुड़े हुए है। जिसमे से मुंबई का एक आरोपी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, बाकी बचे आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस कार्य कर रही है। मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक ने बताया की फरियादी के द्वारा दिए गए आवेदन पर विवेचना की गई जिसके बाद आरोपियों को ढूंढने के लिए टीम गठित कर उन्हें पकडऩे के लिए टीमें गई थी, जिसमें एक आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ चुका है, बाकी आरोपियों को जल्द ही पुलिस धरदबोच लेगी।
गुरूवार को पुलिस अधीक्षक ने ऑनलाइन ठगी का खुलासा किया। जिसके चलते उन्होनें बताया की छ: माह पूर्व जिले के बागली थाने में इंदौर के एक युवक धर्मेन्द्र पिता मुन्नालाल पटेल ने उसके साथ हुई ठगी के चलते एक आवेदन दिया था। वहीं पुलिस ने मामले को विवेचना में लेकर आरोपियों को तलाशने के लिए कार्ययोजना बनाई थी। जिसके तहत पुलिस ने टीम बनाकर आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमों को भेजा था, जिसमें एक आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ गया वहीं चार अन्य आरोपी गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस अधीक्ष का मानना है की जल्द ही आरोपीगण उनकी गिरफ्त में आ जाऐंगे।
यह दिया था फरियादी ने आवेदन
गुरूवार को पुलिस अधीक्षक ने बताया की पुलिस थाना बागली के अपराध क्रं-218/19 धारा-420, 465, 468, 471, 120-बी भादवि के अपराध में 26 अप्रेल को फरियादी धर्मेन्द्र पिता मुन्नालाल पटेल, निवासी-शिवाजी नगर इन्दौर ने लिखित आवेदन इस आशय से प्रस्तुत किया कि उसे संजय शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा विश्वास में लेकर उसे मोबाईल पर खेले जाने वाले आनलाइन गेम में रुपये लगाकर जीतने का प्रलोभन देकर 420 करके लाखो रुपये ठग लिए। संजय ने धर्मेन्द्र से कहा कि यह गेम मैं तुम्हें सीखा दूंगा, इस गेम को बड़े-बड़े इंजीनियर जिनका नाम अरुण सोमन, तथा लेस्ली थामसन चलाते है ये दोनो सिद्धार्थ चौरसिया एंव उसका भाई अविनाश चौरसिया की बनाई हुई कंपनी में काम करते है। मुझे म.प्र.का कारोबार सौंप रखा है, जो भी गेम खेलना चाहता है उन्हें मोबाईल की मेल आई.डी. बताकर नगद राशि जमा करने पर उस व्यक्ति की ईमेल आईडी अरुण सोमन, व लेस्ली थामसन को भेज देता है। यह दोनों वह आईडी सिद्धार्थ चौरसिया व अविनाश चौरसिया को फार्वर्ड कर देते है, सिद्धार्थ चौरसिया उसके ई-मेल पर अपनी आईडी एंव पासवर्ड जारी करता है और उस आईडी पासवर्ड का इस्तेमाल कर उनके द्वारा साफ्टवेयर में डाउनलोड किए गए गेम्स खिलाया जाना शुरू करते है। फिर संजय शर्मा ने मेरे मोबाईल गेम एप्लीकेशन डाउनलोड कर दी और मुझे आईडी व पासवर्ड दे दिए। मैंने गेम खेलना शुरू किया तो जिस अंक पर मैं अधिक रूपये लगाता था वह अंक नहीं खुलता था। उन लोगो ने साफ्टवेयर को
ऐसा सेट कर रखा था कि जिस अंक पर ज्यादा रुपये लगे होते हैं, वह अंक नहीं खुलता है, और खेलने वाला रुपये हारते ही चला जाता है। संजय शर्मा मुझे गेम खेलने के लिए उकसाता रहा कि आज नहीं तो कल बहुत रुपये जीतोगे और माला-माल हो जाओगे। इस प्रकार फरियादी धमेन्द्र एक लाख रुपये संजय के कहने पर दांव लगाकर गेम में हार गया।
इस तरह रही पुलिस की कार्ययोजना
अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक चन्द्रशेखर सोलंकी द्वारा अति. पुलिस अधीक्षक देहात कन्नौद डॉ.नीरज चौरसिया के निर्देशन में थाना प्रभारी बागली के नेतृत्व में साइबर एंव थाने के कर्मचारियों की टीम को आरोपियो की धर-पकड़ हेतु आदेशित किया गया था। जिसके तहत अति. पुलिस अधीक्षक कन्नौद के निर्देशन में बागली थाना, साइबर टीम द्वारा आरोपी सिद्धार्थ चौरसिया पिता ईश्वरचंद चौरसिया, उम्र-35 साल, निवासी-रिगारिया बिल्डिंग थाना-कापूरबावड़ी, जिला-ठाणे महाराष्ट्र को गिरफ्तार कर पूछताछ की जिस पर आरोपी द्वारा उसके साथीगण अरूण सोमन, लेस्ली थामसन निवासीगण-कोच्ची, केरल से संचालित किए जाने एंव आफिस में ही आनलाइन गेम से संबंधित उपकरण लेपटाप, कम्प्युटर आदि होना बताया, जिस पर एक टीम कोच्ची भेजी गई थी। आरोपियों अरूण सोमन, लेस्ली थामसन को पुलिस की भनक लगने से आफिस से भाग गए, टीम द्वारा 2 लेपटाप व एक हार्ड डिस्क जप्त कर लाई गई, जिसमें उक्त फर्जी गेम्स के संबंध में लोड दस्तावेज काफी मात्रा में प्राप्त हुए हैं। जिसमें एप्लिकेशन खेलो 4 विन कशीनो गेम्स खिलाने हेतु आईडी नम्बर तथा पासवर्ड आवंटित कर एजेन्टो के माध्यम से नगद राशि जमा करवाकर आईसीआईसी बैंक में लेस्ली थामस के खातो में अन्य खातो से विभिन्न सूची अनुसार 170 वेबसाईट से राशि स्थातांस्तण कर प्राप्त किए जाने एंव उक्त राशि सिंगापुर स्थित बैंक में भी जमा किए जाने का डाटा प्राप्त हुआ है।
छ: दिन पूर्व लिया था रिमांड पर
आरोपी को दिनांक 24 से 31 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में लिया गया था। आरोपी सिद्धार्थ की निशादेही में उसके निवास ठाणे मंबई से एंव उसके द्वारा संचालित आफिस से लेपटाप एव सीपीयू तथा मोबाईल फोन टीम द्वारा जप्त किए गए हैं। जिनका परिक्षण कराया जा रहा है आरोपी एंव उसके साथियो द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गेम बनाकर इंटरनेट के माध्यम से लोगो के साथ ठगी की जा रही थी।
यह है आरोपीगण
इस प्रकार आरोपियान 1)सिद्धार्थ चौरसिया 2)अविनाश चौरसिया निवासीगण-ठाणे, मुंबई 03)अरुण सोमन 4)लेस्ली थामसन निवासीगण-कोच्ची, केरल 5)संजय शर्मा निवासी-इन्दौर ने षडयंत्र पूर्वक बेईमानी से छल करते हुए साफ्टवेयर बनाकर फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड कर लोगो से गेम खेलने के नाम पर ठगी की है। जो कूट रचना एंव आईटी एक्ट का अपराध पाया गया है।
यह है आरोपी की पृष्ठभमि
आरोपी सिद्धार्थ चौरसिया कमजोर आर्थिक स्थिति के परिवार से संबंध रखता था। आरोपी के पिता जीवन-यापन करने के लिए पान बनाकर बेचते थे। आरोपी का परिवार किराये के घर में रहता था। आरोपी सिद्धार्थ ने सन 2012 में कोटक महिन्द्रा बैंक में एक कर्मचारी के रूप नौकरी की। इसके बाद अचानक ही सिद्धार्थ ने नौकरी छोडकर अपराधिक क्षेत्र में प्रवेश किया और ऑनलाइन गेम से धोखाधड़ी कर कई स्थानों पर जमीन व फ्लैट लिए, कार खरीदी, एंव हालैण्ड कमरशियल पाश एरिये में आफिस खरीदकर उसका मालिक बन गया और विदेश की यात्राएं करने लगा। आरोपी अपनी कुटिल बुद्धि व जालसाजी का उपयोग कर एक शातिर अपराधी बन गया। आरोपी के उपर हत्या के प्रयास का एक मामला मेरठ, में पंजीबद्ध है। आरोपी सिद्धार्थ व उसकी गैंग के द्वारा कई राज्यो मप्र ,हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल में कई मासूम लोगों का विश्वास जीतकर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। आरोपी के द्वारा एक फर्जी साफ्टवेयर इन्फोकाम साफ्टवेयर कंपनी के द्वारा अपने गेम का साफ्टवेयर तैयार कराया गया है जो इसके पार्टनर भी है इसी प्रकार की कंपनी मुंबई व कलकत्ता में होने की जानकारी भी मिली है। जो कोच्ची, केरल में आरोपी के साथीयो के द्वारा संचालित की जाकर लोगों से धोखे से पैसे वसूलती है। वर्तमान के अनुसंधान में आरोपी से प्राप्त दस्तावेजो में की जांच के बाद व आरोपी से पुलिस ने पूछताछ के बाद जानकारी प्राप्त हई कि कई बार विदेश यात्राएँ की है और विदेशी कंपनियो से भी इसके संबंध की बात स्वीकार की है। आरोपी के अनुसार उसकी बनाई गई फर्जी वेबसाईट से प्रतिमाह का टर्न ओवर 20 करोड़ रुपये जो सालाना 240 करोड़ रूपये वार्षिक होता है। पुलिस ने बताया की आरोपी की बड़ी पहुंच के कारण व राजनीतिक दवाब से आरोपी आसानी से भाग निकलता था।
आगामी यह होगी कार्रवाई
पुलिस ने बताया की आरोपी द्वारा अपने कारोबार से संबंधित उपकरणों एंव कई दस्तावेजों को अपने परिवार के सहयोग से खुर्द-बुर्द करने का प्रयास भी किया गया है। जिसकी जब्ती के लिये प्रयास किए जा रहे है। आरोपी से पूछताछ व प्राप्त दस्तावेजो के आधार पर आगे की कार्यवाही के लिए पुलिस रिमांड लिया गया है। आरोपी के मनी लाण्ड्रींग व ड्रग व्यापार में संलिप्तता की जानकारी भी प्राप्त हुई है। विदेशी यात्रा व संबंध तथा रहन-सहन व जीवनशैली में आए परिवर्तन के पीछे फर्जी कंपनियों व ठगी के व्यापार की जानकारी भी एकत्र की जा रही है। वर्तमान में अनुसंधान जारी होकर आरोपी के अन्य साथियों की तलाश जारी है।
इनका रहा सराहनीय कार्य
बागली थाना प्रभारी दिनेश सिंह चौहान, निरीक्षक अमित सोनी, उनि प्रदीप राय, उनि पूजा सोलंकी, उनिअनिल वाकरे, प्र.आर देवेन्द्र, आर धर्मराज, आर यशवंत, आर अर्पित, आर महेश, आर रमन, आर जितेन्द्र, आरआशीष, आर रोहित, आर विजयपुरे, सायबर सेल आर शिवप्रताप सिंह सेंगर, आर सचिन चौहान की भूमिका सराहनीय रही। जिनके लिए नगद इनाम की घोषणा पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई है।