सासंद की कार्यप्रणाली से लोगों में नाराजगी
जातिगत आधार पर ही मिलते हैं लोगों से
देवास। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार देश भर के सभी सांसद गांधी यात्रा उनके संसदीय क्षेत्र में निकाल रहे हैं। जिसके तहत इस यात्रा में क्षेत्र के लोगों से उनकी मौजूदा समस्या के लिए भी मिलना व समस्या का निराकरण करना सांसद का दयित्व है। इसी के चलते क्षेत्रीय सांसद भी इसी दायित्व का निर्वाह करते हुए गांधी यात्रा पूरे संसदीय क्षेत्र में निकाल रहे हैं। लेकिन इस यात्रा में जहां लोगों की समस्या का निराकरण करने की बात है तो यहां पर सांसद अपनी पैठ बनाने के चलते कार्य करते देखे जा रहे हैं। वैसे उनकी इसी सोच के चलते इनके साथ इस यात्रा में लोगों की मौजूदगी दिखाई नहीं दे रही है। जिस किसी भी क्षेत्र में गांधी जी के आदर्शों के साथ यात्रा कर रहे हैं वहां पर गिनती के 8-10 लोग ही उनके साथ दिखाई दे रहे हैं। इससे यह जाहिर होता है की लोगों को गांधी जी के आदर्शो से कोई लेना देना नहीं है, या फिर सांसद की सोच से लोग वाकिफ हो चुके हैं।
देश भर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार गत 2 अक्टूबर से गांधी यात्रा प्रारंभ की गई है। जिसको लेकर देश भर के सांसद उनके संसदीय क्षेत्र में गांधी यात्रा निकाल रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य गांधी जी के आदर्शो से लोगों को अवगत कराने के साथ-साथ लोगों की आम समस्याओं से अवगत होते हुए उसका संभवत: निराकरण करना इनकी प्राथमिकता है। यहां पर सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी जिन्होनें न्यायाधीश पद छोड़कर चुनाव लड़ा और क्षेत्र के सांसद बन गए। लेकिन उनकी सोच लोगों के प्रति कुछ ऐसी बनी हुई है की वह सिर्फ जातिगत आधार पर ही लोगों से मिलते हैं, गैर समाज के लोगों से मिलना व चर्चा करना भी नहीं चाहते हैं। ऐसी उनकी छवि होने के कारण इस गांधी यात्रा से लोगों ने उनका साथ न देते हुए गांधी यात्रा का विरोध दर्ज करते दिखाई दे रहे है। जिसके कारण उनकी इस यात्रा में आम लोगों की भीड़ भी देखने को नहीं मिल रही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है की क्षेत्रीय सासंद से उम्मीद बनी हुई थी की वह क्षेत्र में विकास कार्य तो करेंगे ही वहीं आपसी प्रेम और सद्भावना के साथ कार्य करेंगे। लेकिन जब से गांधी यात्रा प्रारंभ हुई है, वह इस यात्रा में सिर्फ उन्हीं लोगों को साथ में रख रहे हैं जो उनके पूर्व से समक्ष है। अब ऐसे में सांसद की यह यात्रा गांधी के आदर्शों पर नहीं वरन जातिगत समीकरणों के बीच निकाली जाने वाली यात्रा हो गई है। वहीं सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी ने पिछले दिनों सिविल लाइन स्थित उनका कार्यालय भी बनाया है जहां पर कभी-कभार कोई समस्या लेकर कोई आवेदक जाता है तो उसकी समस्या से रूबरू होने से पहले यह देखा जाता है की उसका पहनावा कैसा है व कौन से समाज का होकर उसका नाम क्या है।
नाराज हो गए थे लोग
पिछले दिनों कुछ विशेष समाज के लोगों के बीच सासंद पहुंचे जहां मंत्री वर्मा भी मौजूद थे। वहां पर कुछ सामाजिक लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना कें संबंध में चर्चा करनी चाही लेकिन सांसद सोलंकी ने स्पष्ट रूप से कह दिया की मैं आप समाज के लोगों का कार्य नहीं कर सकता। जिस पर वहां कुछ लोगों ने नाराजगी प्रकट की थी।
सासंद की कार्यप्रणाली से लोगों में नाराजगी जातिगत आधार पर ही मिलते हैं लोगों से
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