सार
विस्तार
प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों ने पिछले एक माह में 1.82 करोड़ रुपये सोशल मीडिया में अपने पेज को बूस्ट और प्रमोट करने पर खर्च किए हैं। इसमें खास बात यह है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही भाजपा ने एमपी के मन में मोदी पेज को बूस्ट करने पर 25 लाख 54 हजार रुपये खर्च किए हैं। वहीं, कांग्रेस नेता कमलनाथ के खिलाफ बनाए गए करप्शननाथ पेज को बूस्ट करने पर आठ लाख रुपये ज्यादा यानी 33 लाख 6 हजार रुपये खर्च किए गए हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपने प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। इसके लिए राशि भी खर्च की जा रही है। इस पर चुनाव आयोग भी निगरानी रख रहा है। 29 सितंबर से 30 अक्तूबर तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पेज और पोस्ट को कमर्शियल बूस्ट/प्रमोट करने पर 1.82 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। ये आंकड़े चुनाव आयोग की तरफ से आचार संहिता में पार्टी और प्रत्याशी के सोशल मीडिया पर खर्च की मॉनीटरिंग करने वाली टीम की रिपोर्ट में सामने आए हैं। इसमें अभी यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर विज्ञापन के खर्चे की राशि शामिल नहीं है।
भाजपा ने कांग्रेस से दोगुनी राशि खर्च की
विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रचार में मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मध्य प्रदेश कांग्रेस से बहुत आगे है। एमपी भाजपा ने एमपी कांग्रेस से पिछले एक माह में दोगुनी राशि खर्च की है। मप्र भाजपा ने जहां 17 लाख 92 हजार 225 रुपये सोशल मीडिया में विज्ञापन पर खर्च किए हैं। वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सिर्फ 6 लाख 94 हजार 856 रुपए खर्च किए हैं।
चैतन्य कश्यप ने सबसे ज्यादा खर्च किए
भाजपा के रतलाम शहर से प्रत्याशी विधायक चैतन्य कश्यप फेसबुक और इंस्टाग्राम पर राशि खर्च करने में सबसे आगे है। पिछले एक महीने में चैतन्य कश्यप ने चार लाख 29 हजार 336 रुपये खर्च किए। वहीं, इसके बाद कांग्रेस के उत्तर मध्य जबलपुर से प्रत्याशी विनय सक्सेना ने 2 लाख 3 हजार 886 रुपये और जबलपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी राकेश सिंह ने 1 लाख 20 हजार 416 रुपये खर्च किए हैं।
कैलाश विजयवर्गीय के पेज पर 2.71 लाख
कैलाश विजयवर्गीय मित्र मंडल गांधीनगर इंदौर नाम के पेज से 2 लाख 71 हजार 514 रुपये और आकाश विजयवर्गीय टीम टीम के नाम से बने पेज पर 2 लाख 14 हजार 541 रुपये विज्ञापन पर खर्च हुए है। इसके अलावा मध्य प्रदेश जनसंपर्क से भी करीब 4 लाख 13 हजार 430 रुपये खर्च हुए हैं। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि यह राशि मध्य प्रदेश में आचार संहिता लगने के पहले विज्ञापन पर खर्च की गई।
ऐसे की जा रही मॉनीटरिंग
सोशल मीडिया कंपनियां फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्यूटर, गुगल और अन्य ने अपनी कमर्शियल लिंक चुनाव आयोग को उपलब्ध कराई है। वहीं, आयोग के पास प्रत्याशियों के वेरिफाइड पेज की जानकारी उपलब्ध है। सायबर एंड सोशल मीडिया विशेषज्ञ हेमराज सिंह चौहान ने बताया कि इन लिंक से आयोग सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टियों के पेज और पोस्ट को बूस्ट/प्रमोट करने पर राशि की गणना कर जानकारी उपलब्ध करा देता है।
भाजपा का कोई लेना देना नहीं
भाजपा सोशल मीडिया के प्रदेश संयोजक अभिषेक शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे करप्शनाथ पेज से भाजपा का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन यहां करप्शनाथ एक बहुत ही कॉमन नाम हो गया है, जो प्रदेश में हर किसी के जबान पर चढ़ा हुआ है। जहां तक एमपी के मन में मोदी पेज का सवाल है तो उसका सोशल मीडिया पेज कौन चल रहा है उसकी मुझे जानकारी नहीं है।
फेक कैंपेन पर भजपा करोड़ों रुपए लगा रही
कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रदेश इंचार्ज अभय तिवारी का कहना है कि करप्शनाथ पेज पर भाजपा करोड़ों रुपए लगा रही है। साथ ही उस पैसे को दबाने और छिपाने का काम कर रही है। यदि इसकी सही तरीके से जांच की जाए तो पूरी हकीकत सामने आएगी। इस तरह के नेगिटिव अभियान पर भाजपा के कौन लोग पैसा लगा रहे है यह बात भी सामने आएगी। यह आकड़े भी सही नहीं हैं।