सार
विस्तार
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की झिरनिया तहसील में रिश्वत के लेनदेन का एक अनोखा मामला ट्रैप हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के लेखापाल द्वारा अपने ही विभाग के एक अधिकारी से उनके अवकाश के दौरान के रुके हुए वेतन और अन्य भुगतान को लेकर करीब 56 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसमें से अधिकारी द्वारा पांच हजार रुपए दिए भी जा चुके थे। जिसके बाद लोकायुक्त को शिकायत करने पर 45 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए लेखापाल को बुधवार को ट्रैप किया गया।
वहीं, इस पूरे मामले में कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त टीम के अधिकारी डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि यह लोकायुक्त इंदौर की ट्रेप कार्रवाई की गई है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिरनिया में है। वहां लेखापाल आनंद कनेल पदस्थ हैं। इनके द्वारा इन्हीं के जो सीएचओ हैं, जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी निकेश कनाड़े हैं, इनका दो महीने का वेतन रुका हुआ था और कुछ इनको जो इंसेंटिव मिलते हैं, उसकी राशि लगभग 90,000 थी। ऐसा सब मिलाकर लगभग 1,33,000 के आसपास की कुल राशि थी। जिसको निकालने के एवज में इनसे 56000 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी, जिसकी शिकायत उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर को की गई थी और शिकायत का सत्यापन करने पर रिश्वत मांगा जाना सही पाया गया था। उसी के चलते ट्रैप दल का गठन किया गया था और अभी लेखापाल आनंद कनेल को 45,000 रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रेप किया गया है और 5000 रुपये बातचीत के दौरान उनके द्वारा पहले ही ले लिए गए थे, जो रिश्वत राशि है, वह उनके द्वारा यहां एक दुकान के संचालक हैं उनको देने का कहा गया था। तो उनके यहां से यह रिश्वत राशि बरामद हुई है। इसलिए उनके विरुद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है, और इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।