प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित सुशासन कार्यशाला में उन्होंने कहा कि 151 मंत्रालय और विभाग हैं, तथा एनएआई के पास 36 मंत्रालयों और विभागों समेत केवल 64 एजेंसियों का रिकॉर्ड है।
1962, 1965 और 1971 के युद्धों के रिकॉर्ड राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के पास नहीं हैं। अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने इसका कारण कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा रिकॉर्ड साझा न करना बताया है।
एनएआई केवल भारत सरकार और उसके संगठनों के रिकॉर्ड रखता है और उनका संरक्षण करता है। इसे वर्गीकृत दस्तावेज प्राप्त नहीं होते हैं। सरकार में रिकॉर्ड प्रबंधन को ‘सुशासन का एक आवश्यक पहलू’ बताते हुए सिन्हा ने कहा कि कई मंत्रालय हैं, जिन्होंने आजादी के बाद से एनएआई के साथ अपने रिकॉर्ड साझा नहीं किए हैं।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित सुशासन कार्यशाला में उन्होंने कहा कि 151 मंत्रालय और विभाग हैं, तथा एनएआई के पास 36 मंत्रालयों और विभागों समेत केवल 64 एजेंसियों का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि 1962, 1965 और 1971 के युद्ध का भी रिकॉर्ड नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें आपके साथ साझा करते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है कि हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। वास्तव में, जिस प्रश्न का हमें सामना करना है वह यह कि क्या हम आजादी के बाद से अपने इतिहास के एक बड़े हिस्से को खो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय ने आजादी के बाद इस साल की शुरुआत तक 476 फाइल भेजी थीं।
सिन्हा ने कहा कि रिकॉर्ड के लिए फाइलों की रिकॉर्डिंग और छंटाई के लिए एक विशेष अभियान की प्रतीक्षा करने के बजाय, यह हर तिमाही में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिलेखों का मूल्यांकन और एनएआई को स्थानांतरण के लिए उनकी समीक्षा करना तथा उनकी पहचान करना शासन का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है।
हरित क्रांति के दस्तावेज नहीं
चंदन सिन्हा ने कहा, भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में हरित क्रांति का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसकी हम हमेशा जय-जयकार करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1960 तक की 20,000 फाइल को इस वर्ष स्थानांतरित किया गया है।