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3 साल पहले हुआ था फरार, भारत लाने पर नीरव मोदी को इस जेल में रखा जाएगा

भारत सरकार की विदेश नीति को बड़ी कामयाबी मिली है. भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत वापस लाया जाएगा. दरअसल, पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी की याचिका को लंदन की अदालत ने गुरुवार को ठुकरा दिया है.

भारत आने पर नीरव मोदी को दोषी करार दिए जाने की पूरी संभावना है. जज ने यह भी कहा कि नीरव मोदी की ओर से दिए कई बयान आपस में मेल नहीं खाते हैं. पहली नजर में सबूत नीरव के खिलाफ जाते हैं, जिसके बाद लंदन की अदालत ने उसके भारत प्रत्यर्पित किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है.

कोर्ट के फैसले के बाद नीरव को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि उसके तुरंत भारत आने की संभावना नहीं दिख रही है. कोर्ट के फैसले के बाद नीरव मोदी के पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प होगा. फैसले के खिलाफ वह हाई कोर्ट में अपील कर सकता है. जिसको देखते हुए यह अनुमान है कि मामला अभी थोड़ा और खिंच सकता है.

जनवरी-2018 से था फरार

नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप है. नीरव मोदी मामला सुर्खियों में आने के बाद जनवरी 2018 में भारत छोड़कर फरार हो गया था. तभी से भारत सरकार नीरव मोदी को वापस लाने कोशिश में जुटी थी.

नीरव मोदी फिलहाल लंदन की एक जेल में बंद है. कोर्ट के मुताबिक प्रत्यर्पण के बाद नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक 12 में रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि जेल में उसे भोजन, साफ पानी, साफ टॉयलेट, बिस्तर की सुविधा दी जाए. मुंबई सेंट्रल जेल के चिकित्सक भी नीरव के लिए उपलब्ध रहेंगे.

नीरव मोदी ने भारत वापस नहीं आने के लिए कई दलीलें कोर्ट के सामने रखीं, जिसे खारिज कर दिया गया. लंदन की अदालत ने इस बात को भी नकारा कि नीरव मोदी की मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य प्रत्यर्पण के लिए फिट नहीं है.