Quote 1 : इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे। Quote 2 : सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
Read Moreकालिदास, विक्रम की नगरी उज्जयिनी को बारम्बार प्रणाम ! (1) बहती जिसके अंतर-तम में शिप्रा की मधुधारा पावन , आटो प्रहर सजग रहता दृ
Read Moreदिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई जैसे एहसान उतारता है कोई आईना देख के तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई पक गया है शजर पे फल शायद फिर से पत्थर उछा
Read Moreधुँधली हुई दिशाएँ, छाने लगा कुहासा कुचली हुई शिखा से आने लगा धुआँसा कोई मुझे बता दे, क्या आज हो रहा है मुंह को छिपा तिमिर में क्यों तेज सो रहा है
Read Moreसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है । करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ
Read Moreलो दिन बीता, लो रात गई, सूरज ढलकर पच्छिम पहुँचा, डूबा, संध्या आई, छाई, सौ संध्या-सी वह संध्या थी, क्यों उठते-उठते सोचा था, दिन में होगी कुछ बात न
Read Moreजन्म प्रेमचन्द का जन्म 31 जुलाई सन् 1880 को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। आपके पिता का नाम अजायब राय था। वह डाकखाने में मामूली नौकर
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