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उजड़ा चमन के डायरेक्टर ने आयुष्मान की बाला पर लगाया कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप

सनी सिंह स्टारर उजड़ा चमन के मेकर्स आयुष्मान खुराना की फिल्म बाला से खुश नहीं हैं. दरअसल, उजड़ा चमन के मेकर्स बाला पर कॉपीराइट का उल्लंघन के आरोप लगा रहे हैं. मेकर्स का कहना है कि उनकी फिल्म कन्नड़ मूवी की रीमेक है और उनके पास ओरीजनल फिल्म के कॉपीराइट हैं. वहीं मेकर्स का कहना है कि इस मामले में वो अपनी लीगल टीम से बातचीत कर रहे हैं. उजड़ा चमन के डायरेक्टर अभिषेक पाठक ने बाला के रिलीज डेट को लेकर भी आपत्त‍ि जताई है. गंजेपन के विषय पर बनीं दोनों फिल्में एक दिन के फर्क से रिलीज हो रही है.

मुंबई मिरर से बातचीत में अभिषेक ने बताया कि उनकी फिल्म कन्नड़ मूवी Ondu Motteye Kathe की रीमेक है. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अच्छी कहानियां ज्यादा से ज्यादा लोग देखें. मेरी कंपनी पैनोरमा स्टूडियोज इस तरह के रत्नों को हमेशा ढूंढ़ती रहती है. अलोन और दृश्यम भी ऑफिशियल रीमेक ही हैं. 2018 में हमें Ondu Motteye Kathe की कहानी मिली, इस उद्देश्य के साथ कि इसके नए वर्जन को इस साल यानी 2019 में ही रिलीज कर दिया जाएगा. मेरी टीम ने इसे 8 नवंबर को रिलीज करने की सलाह दी और फिर कैंपेन शुरू किया.

जबकि, बाला की टीम शुरू से ही फिल्म के रिलीज डेट को लेकर अनिश्च‍ित है, 22 नवंबर से लेकर 15 नवंबर फिर 7 नवंबर जो कि मेरे फिल्म के बस एक दिन पहले है. पता नहीं यह कैसे होगा. दोनों ही फिल्मों को नुकसान होगा और इंडस्ट्री को भी.”उन्होंने आगे आयुष्मान के स्टारडम को जोड़ते हुए कहा कि आज आयुष्मान खुराना का नाम बिकता है और उसकी फिल्म उजड़ा चमन से प्रभावित नहीं होगी. कानूनी मदद लेने के सवाल पर अभिषेक ने कहा,”हम अपनी लीगल टीम से डिस्कस कर रहे हैं. ये साफ तौर पर कॉपीराइट का उल्लंघन करना है. मैं समझ सकता हूं कि दो फिल्में एक ही बाल्ड कैरेक्टर के इर्द-गिर्द, बहुत कम समय के अंतराल में रिलीज हो रही है, लेकिन इस केस में मेरी फिल्म में और ओरीजिनल फिल्म में बहुत सारी समानताएं हैं जिसकी कॉपीराइट मेरे पास है.”

काॅन्सेप्ट एक मगर लक्ष्य अलग-अलग-

दूसरी ओर बाला के प्रोड्यूसर दिनेश विजान ने बताया कि उनकी कंपनी मैडॉक फिल्म्स ने एक ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया है जिसमें लिखा है,”बाला कई महीनों से इस प्रोजेक्ट में इनवॉल्व थी. यह फिल्म हमारे दिल के काफी करीब है क्योंकि हम वर्तमान समय के उन चैलेंजिंग सोशल मुद्दों पर बात कर कुछ करना चाहते हैं, जैसा कि गंजेपन और सांवले रंग पर. अगर इस तरह के मुद्दे पर और भी फिल्में हैं तो दर्शकों के पास चूज करने के लिए वेराइटी है, इसमें कुछ भी बुरा नहीं है. यह बदकिस्मती है, खासकर कोई साथी फिल्ममेकर जब इस तरह के सब्जेक्ट को यूं ही लेता है लेकिन ऑडियंस के लिए पॉजीटिव समझता है. मैडॉक अपनी फिल्म की मौलिकता के साथ मजबूती से खड़ा है, और यदि संभव हो तो कानूनी सहारा के माध्यम से, सभी तरह से इसे वापस भी करेगा”.