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कोरोना से कारोबार चौपट, चीनी आइटम्स होंगे महंगे?

कोरोना का असर अब ट्रेड पर भी दिखने लगा है। इसके कारण भारत का 28 फीसदी आयात प्रभावित हो सका है। भारत इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मकैनिकल अप्लायंस, ऑर्गेनिक केमिकल्स, प्लास्टिक और सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट के लिए बहुत हद तक चीन पर निर्भर है।

भारत के आयात में इनका योगदान 28 फीसदी के करीब है और ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित होने के कारण भारत के आयात का प्रभावित होना निश्चित है। आयात प्रभावित होने से ये सामान महंगे हो सकते हैं।

अब तक 1400 के करीब लोगों की मौत – चीन में अब तक इससे 1400 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है तो दुनियाभर में 45 हजार के करीब लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर इसपर लगाम लगाने में अब तक असफल रहे हैं।
जनवरी के शुरुआत से चीन में औद्योगिक गतिविधियां काफी प्रभावित हुई हैं। चीन विश्व के ज्यादातर देशों को निर्यात करता है, इसलिए ग्लोबल ट्रेड भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

40 फीसदी केमिकल्स का आयात चीन से– भारत इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मकैनिकल अप्लायंस, ऑर्गेनिक केमिकल्स, प्लास्टिक और सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट के लिए बहुत हद तक चीन पर निर्भर है। भारत के आयात में इनका योगदान 28 फीसदी के करीब है और ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित होने के कारण भारत के आयात का प्रभावित होना निश्चित है।

भारत 40 फीसदी ऑर्गेनिक केमिकल्स चीन से आयात करता है और इलेक्ट्रिकल मशीनरी में भी चीन का इतना ही योगदान है। इन प्रॉडक्ट्स के आयात प्रभावित होने पर ऑटो, केमिकल और फार्मासूटिकल सेक्टर पर नकारात्मक असर दिखाई देंगे।

भारत के निर्यात पर क्या होगा असर?- कोरोना का भारत के निर्यात पर बहुत ज्यादा असर नहीं होने वाला है। भारत कुल निर्यात का केवल 5 फीसदी चीन को निर्यात करता है। हालांकि ऑर्गेनिक केमिकल और कॉटन के निर्यात पर असर दिखाई देंगे।

भारत चीन से कितना आयात करता है?– साल 2018 में भारत का कुल आयात 507 अरब डॉलर का रहा था। इसमें चीन का योगदान 73 अरब डॉलर, करीब 14 फीसदी था। वर्तमान हालात को देखकर कहा जा रहा है कि चीन में फैक्ट्री और इंडस्ट्रियल हब 17 फरवरी के बाद भी बंद रहेंगे।
जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं, तब तक चीन में प्रॉडक्शन काफी कम रहेगा और इसका नुकसान भी विश्व के तमाम देशों को उठाना पड़ेगा, क्योंकि चीन उनके लिए सबसे बड़ा निर्यातक है।