खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने मिलावटी-नकली दूध पकड़ने के लिए डेयरी संचालकों पर सख्ती की है। इनको लाइसेंसधारी दूधिया से ही दूध खरीदने के निर्देश दिए हैं। टीम बिना लाइसेंस के दूध बिक्री करने वालों के खिलाफ अगले सप्ताह से अभियान शुरू कर रही है।
जिले में 12.80 लाख लीटर दूध की जरूरत है, जबकि पूर्ति 11.75 लाख लीटर दूध की ही हो पा रही है। बाकी का दूध मिलावटी और नकली मिल रहा है। एफएसडीए ने खेरागढ़ में नकली दूध बनाने का प्लांट भी पकड़ा था। ऐसे में एफएसडीए ने डेयरी और चिलर प्लांट को लाइसेंसधारी दूधियों से ही दूध खरीदने का निर्देश दिया है। दूधियों को भी अपना लाइसेंस कराने के लिए कहा है।
जिला अभिहित अधिकारी मनोज वर्मा ने बताया कि लाइसेंसधारी दूधिया से दूध लेने पर इसका रिकार्ड रहेगा, अगर मिलावटी और नकली दूध पकड़ा जाता है, तो उससे दूधिया भी चिह्नित किए जा सकेंगे। दूधियों के खिलाफ अगले सप्ताह से अभियान चलाएंगे, इस दौरान जिनका लाइसेंस नहीं है, वह विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।