सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA)की समीक्षा में यह खुलासा हुआ है. अमेरिका और यूरोप में कोविड-19 के फैलने से वैश्विक तेल मांग और एयरलाइन की क्षमता में काफी हद तक गिरावट दर्ज की गई है.
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने मचाया कहर
कोरोना से इंडस्ट्री हलकान लेकिन प्रदूषण गिरा
एक तरफ जहां चीन कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर फरवरी के पहले हफ्ते से लेकर अब तक देश में कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA)की समीक्षा में यह खुलासा हुआ है. अमेरिका और यूरोप में कोविड-19 के फैलने से वैश्विक तेल मांग और एयरलाइन की क्षमता में काफी हद तक गिरावट दर्ज की गई है.
CREA की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में CO2 उत्सर्जन में कमी का कारण बिजली बनाने वाले प्लांट्स में 36 प्रतिशत कोयले की खपत में गिरावट है. इसके अलावा सबसे बड़े कोयला बंदरगाह में 29% की गिरावट, कोयला रिफाइनरी इस्तेमाल क्षमता में 34% की कमी और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन इसी अवधि में 15% से 40% तक घटा है.
हर साल फरवरी में चीनी नव वर्ष के दौरान चीन बड़े संस्थान, कंस्ट्रक्शन साइट्स एक हफ्ते के लिए बंद कर देता है, ताकि ऊर्जा की खपत में कमी की जा सके. लेकिन इस साल ऊर्जा के उपयोग में गिरावट का दौर काफी लंबा हो गया है और यह सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. गौरतलब है कि अब तक कोरोना वायरस के कारण चीन में 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रदूषण पर नजर रखने वाले नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसियां के सैटलाइट्स से पता चलता है कि नाइट्रोजन डायऑक्साइड उत्सर्जन (NO2)में 10 से 25 फरवरी के बीच काफी गिरावट देखी गई है. नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने कहा, ‘इस बात के सबूत हैं कि ये बदलाव आंशिक रूप से कोरोनवायरस के प्रकोप के बाद आर्थिक मंदी से जुड़े हैं.’
नासा के नक्शों के मुताबिक, NO2 की वैल्यू में पूरे चीन में 1-20 जनवरी 2020 (कोरांटीन से पहले) और 10-25 फरवरी (कोरांटीन के बाद) तेजी से गिरावट आई है. CREA की रिपोर्ट के मुताबिक, NO2 प्रदूषण में गिरावट सबसे पहले वुहान में रिकॉर्ड की गई थी. वुहान की वो शहर है, जहां से कोरोना का कहर दुनिया में फैला है.
यूके की एक ट्रैवल डाटा मुहैया कराने वाली संस्था OAG के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस बार जनवरी से अप्रैल के बीच वैश्विक शेड्यूल्ड एयरलाइन कैपिसिटी 40.8 मिलियन सीट कम है. फरवरी के लिए अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की तेल बाजार की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था के बंद के बीच वैश्विक तेल की मांग को बड़ा झटका लगा है. डिमांड अब 10 वर्षों में पहली बार गिरने की उम्मीद है.