रविवार को राज्य की महिला बाल विकास मंत्री दौसा गई थीं तो वह भी किसानों की हालत देख कर रोने लगीं. जयपुर के टोंक रोड पर बैठे किसानों का कहना है कि सरकार से मुआवजे के ऐलान के बाद ही यहां से हटेंगे.
- भारी बारिश और ओलों ने खराब की फसल
- 12 जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद
पूरे देश में होली के त्योहार को लेकर हर्षोल्लास है लेकिन राजस्थान के करीब 12 जिलों में मातम का माहौल है. मातम मनाने वाले लोग कोई और नहीं बल्कि हमारे अन्नदाता किसान हैं. जिनकी बात सभी चुनावों से पहले होती है लेकिन फिर वो और उनके मुद्दे कहीं खो जाते हैं. राजस्थान में किसान सड़क पर हैं और अपनी आवाज सरकारों तक पहुंचाने के लिए ट्रैफिक जमान किए ठप बैठे हैं. राहगीर परेशान हैं लेकिन फूट-फूट कर रो रहे किसानों की चीख सुनकर उनका कलेजा भी फटा जा रहा है.
पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश और ओलों की वजह से राजस्थान में करीब 12 जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है. जिससे किसान टूट गए हैं और होलिकादहन के दिन जयपुर में सड़क जाम कर दिया है. इनकी मांग है कि सरकार इन्हें बर्बाद हुई फसल के बदले में मुआवजा दे.
प्रदर्शन में पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची हैं. वह रो रही हैं. बता रही हैं कि उनकी फसल कटने को तैयार थी लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश और ओलों ने सब कुछ खत्म कर दिया. इन्हीं फसलों के सहारे किसान अगले साल की योजना बना रहे थे लेकिन अब दो वक्त की रोटी के भी लड़ाई लड़नी पड़ रही है.
रविवार को राज्य की महिला बाल विकास मंत्री दौसा गई थीं तो वह भी किसानों की हालत देख कर रोने लगीं. जयपुर के टोंक रोड पर बैठे किसानों का कहना है कि सरकार से मुआवजे के ऐलान के बाद ही यहां से हटेंगे.
पहले ये किसान विधानसभा तक जाना चाहते थे, मगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान काफी धक्का-मुक्की भी हुई, जिसमें कई लोग मुर्च्छित हो गए. किसानों का कहना है कि पांच दिन से ज्यादा हो गए हैं मगर अभी तक सरकार की तरफ से कोई बर्बादी का सर्वे करने नहीं पहुंचा है. जब सब कुछ खत्म हो जाएगा तो हमारे पास दिखाने के लिए भी कुछ नहीं रहेगा. फसल बीमा के नाम पर लाखों रुपये जमा हो चुके हैं, मगर 2018 के बाद से इन्हें कभी फसल बीमा भी नहीं मिला.
इनका साथ देने आए बीजेपी सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जब तक राजस्थान की सरकार किसानों के लिए मुआवजे का ऐलान नहीं करती, वह किसानों के साथ ही बैठे रहेंगे.
हालांकि राजस्थान सरकार ने अपने सभी मंत्रियों को 18 जिलों में भेजा है ताकि वह मौके पर जाकर किसानों के हालात का जायजा लें और जल्दी से जल्दी किसानों को मुआवजा दिया जा सके.