इस पूरी घटना पर जानकारी देते हुए एसपी राजकुमार ने बताया है कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके लिए एक टीम गठित की गई थी. उस टीम ने 2 लाख 83 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति का आकलन करते हुए 21 लोगों को नोटिस जारी किया था.
- 13 लोगों के नाम 21 लाख से ज्यादा के रिकवरी चालान
- तहसीलदार के माध्यम से रिकवरी चालान भेजने का काम
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद जुर्माना वसूलने को लेकर भले ही दोनों पक्ष कोर्ट में अपने-अपने दावे रख रहे हों, लेकिन इस बीच योगी सरकार के कड़े फैसले ने हिंसा करने वालों को जुर्माना भरने पर मजबूर कर दिया है. कानपुर में हिंसा के आरोपी 6 परिवारों ने 80 हजार रुपये जिला प्रशासन के जिला कोष में जमा कराए, जबकि दूसरी तरफ मंगलवार शाम को लखनऊ जिलाधिकारी (डीएम) ने बाकायदा 13 लोगों के नाम 21 लाख से ज्यादा के रिकवरी चालान जारी कर दिए.
लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने वीडियो जारी कर इस बात की जानकारी दी कि 19 दिसंबर को लखनऊ में हुए सीएए के खिलाफ हिंसा में नामित 13 लोगों से 21 लाख से ज्यादा का हर्जाना लेने का काम शुरू किया जा चुका है और तहसीलदार के माध्यम से रिकवरी चालान आरोपियों के घर भेजा जा रहा है. उधर कानपुर में लोगों ने हर्जाने की राशि सरकार के कोष में देना शुरू कर दिया है. कानपुर में सीएए के विरोध में हिंसा के दौरान यतीमखाना चौकी पर आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले छह आरोपियों से जिला प्रशासन ने 80,856 रुपए की वसूली की है. वहां प्रति व्यक्ति 13476 का जुर्माना वसूला जाना था. बवालियों ने यह रकम ड्राफ्ट के माध्यम से जिला प्रशासन को सौंप दी है.
वहीं इस पूरी घटना पर जानकारी देते हुए एसपी राजकुमार ने बताया है कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके लिए एक टीम गठित की गई थी. उस टीम ने 2 लाख 83 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति का आकलन करते हुए 21 लोगों को नोटिस जारी किया था. उसी में 6 आरोपियों ने यासीन, अरमान, इरफान, दिलशाद और लियाकत ने अपना-अपना 13476 रुपए का ड्राफ्ट बनवाकर मंगलवार को जिला प्रशासन को सौंप दिया है, बाकी आरोपियों से जल्दी बची हुई राशि वसूली जाएगी.
लखनऊ में 19 दिसंबर 2019 को जनपद लखनऊ में सीएए के विरुद्ध हिंसक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले हसनगंज थाना क्षेत्र के दोषी 13 लोगों के द्वारा शासकीय कोष में नियत तिथि तक क्षतिपूर्ति की धनराशि न जमा किए जाने पर सक्षम न्यायालय की ओर से दोषी पाए गए सभी 13 उपद्रवियों के खिलाफ क्षतिपूर्ति की धनराशि रु0 21,76,000/- की आरसी जारी कर दी गई है.