पिछले साल हुई बारिश ने सब कुछ तबाह कर दिया था और इस साल कोरोना वायरस के कारण ना तो किसान खेतों तक जा पा रहे हैं और ना ही उन्हें फसल काटने के लिए मजदूर मिल रहे हैं. फसल काट भी लें तो मंडी में कैसे बेचें, मंडियां बंद हैं.
- लॉकडाउन ने किसानों को भी घर में किया कैद
- ना खेतों में फसल कट रही है, ना मंडिया खुली हैं
पूरे देश में लॉकडाउन है. मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के किसान लॉकडाउन से मुसीबत में आ गए हैं. पिछले साल हुई बारिश ने सब कुछ तबाह कर दिया था और इस साल कोरोना वायरस के कारण ना तो किसान खेतों तक जा पा रहे हैं और ना ही उन्हें फसल काटने के लिए मजदूर मिल रहे हैं. फसल काट भी ले तो मंडी में कैसे बेचें, मंडियां बंद हैं.
दरअसल, दो दिन पहले मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के कई इलाकों में काफी बारिश हुई है, जिसकी वजह से फसलों को नुकसान हुआ है. किसान ओम प्रकाश व पुष्कर लाल का कहना है कि अचानक बारिश से फसलों का बहुत नुकसान हो गया है. कोरोना वायरस के कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं. किसान मनोज शर्मा का खेत भी बारिश से बर्बाद हुआ है. किसान भेरू लाल की फसल कटी हुई पड़ी है, लेकिन मंडी बंद है
मंदसौर तहसीलदार नारायण नांदेड़ा ने कहा कि बारिश से फसलों के नुकसान की जानकारी मिली है. इस मामले में पूरी जानकारी लेकर नुकसान का आकलन किया जाएगा. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से मशीनों के स्पेयर पार्ट्स नहीं मिल पा रहे हैं. यहां तक कि टायरों में हवा भरने तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. खाने-पीने की काफी दिक्कतें आ रही हैं. हमारी मशीन यहां खड़ी है तो किसान भी अपनी फसल कैसे काटे? हम 9 लोग हैं साथ में जो मजदूर थे वह भी भाग गए हैं.
गुराडिया गांव के किसान मनोज शर्मा का कहना है कि बारिश की वजह से उनकी फसल चौपट हो गई है और अब कोरोना वायरस के कारण मजदूर भी नहीं आ रहे हैं. अगर मजदूर नहीं आए तो थोड़ी बहुत फसल भी खेतों में पड़ी-पड़ी सड़ जाएगी. किसान भेरूलाल का कहना है कि हमने फसल तो काट ली लेकिन जब तक मंडी नहीं खुलेगी तब तक इसे कैसे बेचेंगे? कोरोना वायरस के कारण ना तो थ्रेसर मशीन वाले आ रहे हैं ना ही मजदूर मिल रहे हैं. उधर मंडी यदि लंबे समय तक बंद रही तो हमारी फसल खराब हो जाएगी.
कुल मिलाकर मंदसौर जिले के किसान लॉकडाउन की वजह से मुसीबत में आ गए हैं. ऊपर से 2 दिन पहले अचानक हुई बारिश ने भी किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. उनका यह भी कहना है कि यदि फसल को घर में स्टोर करके भी रखते हैं तो खाने-पीने और राशन पानी का पैसा कहां से लाएंगे. किसानों को डर है कि यदि यह लॉकडाउन मई-जून तक चला तो वह बर्बाद हो जाएंगे उनकी फसलें खराब हो जाएगी और काफी नुकसान भी हो जाएगा.