उज्जैन!कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे प्रशासन को एक बड़ा झटका लगा है।यह झटका उन 800 कर्मचारियों का है।जो कोरोना डर के चलते अपने-अपने घरों में कैद कर दिए गए है।प्रशासन खुद को लाचार महसूस कर रहा है।लेकिन, उसकी मजबूरी है।कोई रिस्क नही उठाया जा सकता है।नतीजा..आगामी कुछ दिनों में सफाई व्यवस्था गड़बड़ा सकती है?
कलेक्टर शशांक मिश्र और निगमायुक्त ऋषि गर्ग के corona-war-room से कुछ ऐसी ही खबरे,बाहर आ रही है।सिंहस्थ मेला कार्यालय में यह war-room है।यही से बैठकर corona को लेकर चल रही उठा..पटक पर नजरें रखी जा रही है।यही के सूत्र बता रहे है कि…. निगमायुक्त, अपने 800 कर्मचारियों के अचानक कैद हो जाने के चलते परेशान है ।
इसलिए कैद…..
सर्वविदित है कि जिले में पहला corona पॉजिटिव केस, पुराने शहर के जानसापुरा इलाके में पाया गया था।प्रशासन ने तत्काल चारो तरफ से किलेबंदी कर दी।कोई भी बाहर नही निकल सकता है,इस इलाके से।जानसापुरा के साथ-साथ हेला व हम्मालवाडी भी किलेबंदी में आ गयी।इन 3 मोहल्लों में निगम के करीब 800 कर्मचारी निवास करते है।जो अब अपने-अपने घरों में कैद है।
परेशान……
भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि…निगमायुक्त ,अचानक आयी इस मुसीबत से परेशान है।उन्होंने कलेक्टर को अपनी परेशानी से अवगत भी करा दिया है।मगर,हालात के चलते प्रशासन कोई भी Risk लेने को तैयार नही है ।सर्वविदित है कि …इन 3 मोहल्लों के करीब,800 कर्मचारी ,शहर के सभी 6 झोन में सफाई- कार्य करते है।जिनको फ़िलहाल 14 अप्रैल तक अपने इलाके/घरों में ही कैद रहना है।नतीजा….शहर की सफाई व्यवस्था में गड़बड़ होना स्वाभाविक है।वैसे निगम के पास करीब 2000 सफाई कर्मचारियों का अमला है।अब इन 1200 के भरोसे ही सफाई व्यवस्था बची है।