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माता-पिता से झूठ बोल कोरोना से जंग के लिए लखनऊ पहुंचा पीएचडी स्कॉलर

जब वायरस पूरे देश में पैर पसार रहा था और लोग अपने घरों में कैद थे, तब पीएचडी के छात्र रामा कृष्णा माता पिता से झूठ बोलकर चिकित्सा सेवा का धर्म निभाने के लिए लखनऊ के लिए निकल पड़े

  • एक फोन कॉल पर तेलंगाना से लखनऊ पहुंचा पीएचडी स्कॉलर
  • लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में पहुंचा माइक्रोबायोलॉजिस्ट

देशभर में कोरोना वायरस का संकट बना हुआ है. दिन-ब-दिन इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच, पीएचडी स्कॉलर रामा कृष्णा सिर्फ एक फोन कॉल पर तेलंगाना से लखनऊ आकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना सहयोग दे रहे हैं.

रामा कृष्णा लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना वायरस के सैम्पल की टेस्टिंग करने में मदद कर रहे हैं. पीएचडी स्कॉलर रामा कृष्णा तेलंगाना से विषम परिस्थितियों में लखनऊ के लिए चले थे. उस समय लॉकडाउन तो नहीं था, लेकिन सड़कों पर हालात वैसे ही थे.

मुश्किल हालात में पहुंचे लखनऊ

रामा कृष्णा बताते हैं, ‘जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले मैं चला था, क्योंकि मेरी गाइड और प्रोफेसर अमिता मैम का फ़ोन आया था, कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए. जब मैं घर से निकला तो ट्रांसपोर्ट बहुत कम थे. मैं अपने गांव खम्मम से हैदराबाद एक बस के जरिये पहुंचा. वहां से पैदल एयरपोर्ट के लिए निकला. उस समय पुलिस पेट्रोलिंग कर रही थी. पुलिस मेरे पास आई और मुझसे कहा कि यहां क्यों टहल रहे हो? मैंने उनको सब बता दिया कि मैं कोरोना वायरस की सैंपल की टेस्टिंग के लिए लखनऊ जा रहा हूं.’ रामा कृष्णा ने बताया, ‘पुलिस ने इंतजाम करके मुझे एयरपोर्ट पहुंचाया और वहां से फ्लाइट के जरिए लखनऊ आ गया.

दरअसल, लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजिस्ट विभाग की अध्यक्षा डॉ. अमिता जैन का रामा कृष्णा के पास फोन गया था और उनसे कहा गया कि क्या केजीएमयू में चल रहे कोरोना मरीज़ों की जांच में वह अपना सहयोग करने के लिए आ सकते हैं? फिर क्या था? रामा कृष्णा तेलंगाना से लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

माता-पिता को बताया-जा रहे हैं हैदराबाद

इस दौरान रामा कृष्णा ने अपने मां-बाप से भी झूठ बोला कि वह शोध पत्र लिखने के लिए अपने मित्र के यहां हैदराबाद जा रहे हैं. हालांकि मां-बाप को अखबार में छपी खबर के जरिए पता चल गया कि उनका बेटा लखनऊ पहुंच गया है. रामा कृष्णा ने उसके बाद अपने मां बाप से बात की और सब कुछ बताया. मां बाप ने कहा कि अपना ख्याल रखना.

जब वायरस पूरे देश में पैर पसार रहा था और लोग अपने घरों में कैद थे, तब पीएचडी स्कॉलर रामा कृष्णा माता-पिता से झूठ बोलकर चिकित्सा सेवा का धर्म निभाने के लिए लखनऊ के लिए निकल पड़े. तकरीबन 1400 किलोमीटर का सफर उन्होंने फ्लाइट के जरिए पूरा किया और लखनऊ पहुंचे. फिर बिना विश्राम किए केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी लैब में जाकर कोरोना वायरस के सैंपलों की जांच में लग गए.

वहीं माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्षा और रामा कृष्णा की गाइड प्रोफेसर अमिता जैन ने बताया कि रामा कृष्णा हमारे पीएचडी स्कॉलर हैं. वह तेलंगाना में अपने घर पर थे. हमने उन्हें कॉल किया कि इस समय आपकी जरूरत है, क्या आप आ सकते हैं? इसी बीच उन्होंने अपनी फ्लाइट का टिकट करा लिया और यहां पर आ गए. थोड़ी मुश्किल हुई वहां से यहां आने में, क्योंकि लॉकडाउन की प्रक्रिया शुरू होने का डर था. लेकिन इसके बावजूद भी वह यहां पर आए. उनके आने से हम लोगों को वाकई काफी मदद मिली है. मैं समझती हूं जिस जज्बे से उन्होंने आने का यह काम किया है, वह बहुत ही अच्छा है.