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पहली बार होगा जब अक्षय तृतीया पर विवाह नहीं होंगे, अप्रैल में नहीं बज रही शहनाई, मई-जून में भी असमंजस की स्थिति

अप्रैल में नहीं बजी शहनाई, मई-जून में भी असमंजस की स्थिति
देवास। 14 अप्रैल से शुरू होने जा रहे विवाह मुहूर्त पर कोरोना का असर भारी पड़ गया है। फिलहाल अप्रैल में जिन युवाओं के विवाह होना तय हो गए थे, उन्होंने उसे स्थगित कर दिया है। जिन लोगों के विवाह मई और जून में होना है, वे भी दुविधा की स्थिति में हैं कि इस महामारी का अंत कब तक होगा और कब लॉक डाउन हटाया जाएगा।
यदि लॉकडाउन की तारीख आगे बढ़ी तो वह कब तक की होगी। अनिश्चितता की इस स्थिति में कोई पंडितों से सलाह ले रहा है तो किसी ने नवंबर तक के लिए ही विवाह टाल दिया है। कई लोगों ने मैरिज गार्डन हॉल व कैटरिंग आदि की बुकिंग कर ली थी। वे सब बुकिंग रद्द कराने में लगे हैं। इस संबंध में पंडितो का कहना है कि 14 अप्रैल से 30 जून तक विवाह मुहूर्त हैं। ओर अभी अप्रैल माह मे केवल 5 दिन के मुहूर्त थे जो कोरोना के कारण आगे बढ़ गए है। कई लोगों ने तो पंडितों से लेकर घोड़ी, बैंड, कैटरिंग और मैरिज गार्डन की बुकिंग कर ली थी लेकिन कोरोना का संक्रमण फैलने पर सभी लोग परेशानी में पड़ गए हैं 14 अप्रैल तक वैसे भी लॉकडाउन है वही प्रधानमंत्री के अलग अलग राज्य के मुख्यमंत्रियों से हुई चर्चा के बाद अब यह लॉक डाउन 30 अप्रैल तक बढ़ सकता है। इसे ध्यान में रखकर लोग मई और जून के मुहूर्त की तिथियों पर विचार कर रहे हैं। यह पहली बार होगा जब अक्षय तृतीया पर विवाह नहीं होंगे
26 अप्रैल को अक्षय तृतीया है, यह अबूझ मुहूर्त वाला दिन कहलाता है। हर वर्ष अक्षय तृतीया पर बड़ी संख्या में विवाह होते हैं लेकिन यदि लॉकडाउन की तिथि आगे बढ़ने से यह पहला अवसर होगा जब इस अबूझ मुहूर्त पर विवाह नहीं होंगे।