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फ्लोर टेस्ट में स्पीकर के क्या अधिकार? MP मामले पर आज SC का फैसला

मध्य प्रदेश में पिछले महीने सामने आए सियासी संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. फ्लोर टेस्ट को लेकर तो अदालत ने तभी आदेश दे दिए थे, लेकिन बाकी मामलों को लेकर अब फैसला आएगा.

मध्य प्रदेश मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आएगा फैसला

देश में जारी कोरोना वायरस महामारी के संकट से इतर सुप्रीम कोर्ट का कामकाज जारी है. अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने अहम मामलों को निपटा रही है. इसी कड़ी में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाएगी. ये याचिका उन्होंने फ्लोर टेस्ट, विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर दायर की थी.

दरअसल, मार्च के महीने में जब मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आया हुआ था और पूर्व की कमलनाथ सरकार पर संकट मंडरा रहा था, तब भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवराज सिंह चौहान की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया गया था. फिर तुरंत फ्लोर टेस्ट करवाने को लेकर सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई.

सुप्रीम कोर्ट ने तब फ्लोर टेस्ट तुरंत करवा दिया था, जिसके बाद कमलनाथ सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन, अब बाकी बचे मामलों पर फैसला आएगा, जिसमें विधानसभा स्पीकर और राज्यपाल के अधिकारों को लेकर बात हो सकती है.

खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिया जाने वाला फैसला सिर्फ मध्य प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि देश में अगर दोबारा इस प्रकार की स्थिति पैदा होती है तो उसके लिए भी नज़ीर बनेगा.

फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने दिया था इस्तीफा

बता दें कि पिछले महीने मध्य प्रदेश की सियासत में काफी उठा-पटक देखने को मिली. जब कांग्रेस के कुछ विधायकों पार्टी से इस्तीफा देकर बेंगलुरु पहुंच गए, जिसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई. लेकिन स्पीकर ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया था, इसी वजह से भाजपा की ओर से SC का रुख किया गया था.

जब सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया तो बहुमत साबित करने से पहले ही कमलनाथ ने अपना पद छोड़ दिया. जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने एक बार बतौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शपथ ले ली.