पाकिस्तान में इस वक्त कोरोना वायरस के संकट के बीच अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. यहां हिंदुओं और ईसाई समुदाय के लोगों को राशन-भोजन देने से इनकार किया गया है, जिसकी हर ओर निंदा हो रही है.
- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से दुर्व्यवहार
- कोरोना संकट के बीच नहीं मिल रही राहत सामग्री
कोरोना वायरस महामारी का असर इस वक्त दुनिया के लगभग हर देश पर छाया हुआ है. पाकिस्तान में भी इस वक्त कोरोना वायरस के हजारों केस सामने आ चुके हैं, लेकिन वहां पर जिस तरह से अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव किया जा रहा है उसकी दुनियाभर में आलोचना हो रही है. दुनियाभर के धार्मिक मसलों पर राय देने वाले अमेरिकी आयोग ने पाकिस्तान से आ रही उन खबरों की निंदा की है, जहां हिंदुओं और ईसाईयों को खाना नहीं देने का बात सामने आई है.
अंतराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अमेरिकी कमिशन की ओर से से सोमवार को एक बयान जारी किया गया है, जिसमें पाकिस्तान की निंदा की गई है. विभाग की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस का संकट फैलता जा रहा है, ऐसे में पाकिस्तान में जिन लोगों को भोजन की समस्या आ रही है, वह काफी निंदनीय है. सरकार का कर्तव्य हर किसी को भोजन देना है, ऐसे में उस वक्त किसी के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. हम पाकिस्तानी सरकार से अपील करते हैं कि हर धर्म के लोगों को भोजन मुहैया करवाया जाए’.
गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान के कराची से ऐसी रिपोर्ट आई थी कि कुछ एनजीओ और सरकारी अधिकारी हिंदू और ईसाई समुदाय के लोगों को भोजन-राशन नहीं दे रहे हैं. कराची में सैलानी वेलफेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट की ओर से राशन-भोजन दिया जा रहा है, लेकिन जब वह एक हिंदू और ईसाई बहुल इलाके में गए तो उन्होंने मदद से इनकार कर दिया. सिर्फ यही तर्क दिया गया कि भोजन सिर्फ मुस्लिमों के लिए है.
USCIRF Commissioner @JohnnieM: “In a recent address by Prime Minister Khan to the international community, he highlighted that the challenge facing governments in the developing world is to save people from dying of hunger while also trying to halt the spread of #Covid_19.” (1/2) https://t.co/tDMiTqhpgf
— USCIRF (@USCIRF) April 13, 2020
USCIRF कमिश्नर जॉनी मूरे के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीते दिनों एक साथ इस लड़ाई में हिस्सेदारी की बात कही थी. ऐसे में अब अवसर है कि वह अपने देशवासियों को एक राह दिखाएं और लोगों से किसी तरह का भेदभाव ना करने की अपील करें.
आपको बता दें कि पाकिस्तान में अबतक कोरोना वायरस के 5700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 90 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, पाकिस्तान के कई प्रांतों ने अपने स्चतर पर लॉकडाउन लगाया हुआ है.