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RBI का ऐलान- नकदी फ्लो के लिए करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश, बैंकों को भी राहत

कोरोना संकट के बीच शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर होने वाले असर की जानकारी दी.

  • RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • रिवर्स रेपो रेट में की गई कटौती
  • नकदी फ्लो के लिए बड़ा निवेश करेगा बैंक

कोरोना वायरस महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बड़े ऐलान किए गए. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया, इसी के साथ बाजार में नकदी संकट ना आए इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद की बात कही.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी.

रिजर्व बैंक की ओर से बड़ी राहत देते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है, इसी के साथ अब ये 3.75 फीसदी हो गई है. RBI गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंक की ओर से लगातार इस तरह के ऐलान किए जाएंगे, जो तबके हालात के आधार पर होंगे.

नकदी संकट दूर करने के लिए बड़ा निवेश

नकदी संकट को दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए. इसके लिए TLTRO का ऐलान किया गया है. RBI गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं आएगी.

इसके अलावा बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी लगातार क्वारनटीन होकर भी काम कर रहे हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि IMF ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है. कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है.

जी-20 देशों में भारत की स्थिति सबसे बेहतर

कोरोना संकट की वजह से भारत की GDP 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, G20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है. दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी.

शक्तिकांत दास ने कहा कि इस संकट के बीच भी कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, हमारे पास बफर स्टॉक है. उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है, फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई थी.

आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है. दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है.

गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है. लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं और रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है.

27 मार्च को दी थी जनता को राहत

इसके पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 75 बेसिस पाइंट की कटौती करते हुए इसे 4.4 पर्सेंट कर दिया. माना जा रहा है कि इस कदम से लोगों को उनकी ईएमआई में राहत मिलेगी. साथ ही कम रेट पर कर्ज भी मिलेगा. इस कदम से बैंकों को अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही वे ज्यादा कर्ज भी दे सकेंगे.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने कर्जधारकों के लिए तीन महीने तक ईएमआई टालने के रूप में भी राहत का ऐलान किया था.

आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि फिलहाल यह अभूतपूर्व संकट का वक्त है, इसलिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उनके मुताबिक, दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक्त है. उन्होंने कहा कि बुरा वक्त हमेशा नहीं रहता और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत जरूर मिलेगी.