कोरोना वायरस के संकट के बीच विपक्ष लगातार कम हो रहे टेस्ट पर सवाल उठाता रहा है. इस बीच गुरुवार को चीन से करीब 5 लाख रैपिड टेस्टिंग किट भारत पहुंची हैं.
- भारत में बढ़ेगी टेस्टिंग की रफ्तार
- चीन से भारत पहुंची 5 लाख किट
भारत में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के संकट के बीच टेस्टिंग को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. लेकिन अब देश में टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने वाली है क्योंकि चीन से जिन टेस्टिंग किट आने का इंतजार काफी लंबे वक्त से चल रहा था, वह पूरा हो गया है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने गुरुवार को इस बात की सूचना दी कि करीब 5 लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट भारत पहुंच गई हैं, ऐसे में अब देश में टेस्ट की रफ्तार बढ़ेगी.
भारत में कोरोना वायरस के लिए टेस्टिंग किट आने की करीब चार डेडलाइन मिस हो गई थीं, जिसके बाद केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर थी. भारत की गिनती देशों में हो रही है, जहां कोरोना वायरस के मामले लिमिटेड हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह कम संख्या में हुए टेस्ट हैं.
महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की ओर से टेस्टिंग किट देने में भेदभाव किया जा रहा है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी गुरुवार को अपनी वीडियो प्रेस वार्ता में इस मसले को उठाया था और कहा था कि कोरोना वायरस से निपटने का एक मात्र तरीका सिर्फ टेस्टिंग की संख्या बढ़ाना है.
दरअसल, पिछले हफ्ते चेन्नई के पोर्ट पर इन टेस्टिंग किट को आना था लेकिन अंतिम वक्त में ये सभी किट अमेरिका के लिए डायवर्ट हो गईं. जिसके बाद ICMR पर कड़े सवालों की बौछार हुई, लेकिन अब चार डेडलाइन मिस होने के बाद ये भारत पहुंची हैं.
ICMR के डॉ. रमन के मुताबिक, रैपिड टेस्ट की जरूरत शुरुआती सिम्पटंस के दौरान नहीं पड़ती है जबकि सर्विलांस के वक्त होती है.
गौरतलब है कि देश के करीब 170 जिलों को इस वक्त कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए रेड ज़ोन घोषित किया गया है. देश में अबतक 3 लाख के करीब कोरोना वायरस के टेस्ट पूरे हो चुके हैं. ICMR ने गुरुवार को जानकारी दी कि देश में दो दर्जन टेस्ट होने के बाद एक व्यक्ति कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया जा रहा है.