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लॉकडाउन: रियल एस्टेट सेक्टर आज से होगा गुलजार! कड़ी शर्तों के साथ काम शुरू

पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि 3 मई को बढ़ाने की घोषण करते हुए ही साथ ही यह भी ऐलान किया था कि देश के कुछ जिलों में लॉकडाउन में 20 अप्रैल से ढील दी जाएगी. इसके बाद 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने एक निर्देश जारी कर बताया था कि किन क्षेत्रों में काम शुरू हो सकता है. इसके तहत रियल एस्टेट में भी कुछ शर्तों के साथ ढील देने की बात कही गई थी.

20 अप्रैल से लॉकडाउन में कई जिलों में ढील दी गई है इसी के तहत रियल एस्टेट सेक्टर में काम शुरू हुआ है कड़ी शर्तों के साथ इस सेक्टर में काम शुरू हुआ सरकार ने कई प्रैक्टिकल दिक्कतों को दूर भी किया

देश के कई जिलों में आज यानी 20 अप्रैल से लॉकडाउन में थोड़ी ढील देते हुए रियल एस्टेट में भी काम शुरू करने की इजाजत दे दी गई है. हालांकि इसके लिए कुछ कड़ी शर्तें लगाई गई हैं और कुछ व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने की भी सरकार ने कोशिश की है.

असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि 3 मई को बढ़ाने की घोषण करते हुए ही साथ ही यह भी ऐलान किया था कि देश के कुछ जिलों में लॉकडाउन में 20 अप्रैल से ढील दी जाएगी. इसके बाद 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने एक निर्देश जारी कर बताया था कि कारोबार और उद्योग जगत के किन—किन क्षेत्रों में काम शुरू हो सकता है. इसके तहत रियल एस्टेट में भी कुछ शर्तों के साथ ढील देने की बात कही गई थी.

क्या था पहले गृह मंत्रालय का निर्देश

गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार यानी 15 अप्रैल को जारी निर्देश में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न तरह की परियोजनाओं में 20 अप्रैल से निर्माण कार्य की इजाजत होगी, लेकिन शहरी क्षेत्रों में सिर्फ उन्हीं प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य किया जा सकेगा, जहां मजदूरों को बाहर से लाने की जरूरत नहीं है. यह इजाजत भी उन्हीं इलाकों में होगी जहां संक्रमण का कोई केस नहीं है या हॉटस्पॉट नहीं है.

क्या थीं प्रैक्टिकल समस्याएं

रियल एस्टेट के जानकारों का कहना था कि ज्यादातर प्रोजेक्ट्स में 25 से 30 फीसदी मजदूर ही बचे हैं और बाकी पलायन कर गए हैं. इसी तरह प्रोजेक्ट साइट्स पर बहुत ज्यादा​ बिल्डिंग मटीरियल नहीं होता. तो जब तक मजदूरों को लाने और बिल्डिंग मटीरियल लाने की छूट नहीं होगी, काम शुरू कर पाना मुश्किल होगा.

सरकार ने दी राहत

इन व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने रियल एस्टेट के लिए दिशा—निर्देश में कई बदलाव किए हैं. अब यह कहा गया है कि प्रवासी मजदूर लॉकडाउन (बंद) की अवधि के दौरान राज्य के भीतर एक जगह से दूसरी जगह आ-जा सकेंगे, लेकिन एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने की अनुमति नहीं होगी.

गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संक्रमण क्षेत्र के बाहर वाले क्षेत्रों में 20 अप्रैल से संशोधित दिशानिर्देशों के तहत अतिरिक्त गतिविधियों शुरू करने की अनुमति दी गयी है, ऐसे में ये कामगार औद्योगिक, विनिर्माण, निर्माण, कृषि और मनरेगा के तहत काम कर सकते हैं. राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर उनकी आवाजाही के लिये कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.

आदेश के मुताबिक, प्रवासी मजदूरों का जो समूह राज्य के भीतर अपने कार्य स्थलों पर लौटना चाहता है, जहां वे अभी हैं, उनकी जांच की जानी चाहिए और जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है, उन्हें संबंधित कार्य स्थल पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी.

इसी तरह रियल एस्टेट की जरूरतों के लिए राज्य सरकारों के स्तर पर बालू, मोरंग जैसे बिल्डिंग मटीरियल की ढुलाई की भी इजाजत दी गई है. इससे उम्मीद है कि रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिलेगी और काम शुरू होने से इस सेक्टर में कुछ जान आएगी. इससे मजदूरों के पलायन जैसी समस्या पर भी काबू पाया जा सकेगा.