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गारमेंट्स व्यापारी एसोसिएशन के प्रवक्ता अक्षय जैन ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र।

माननीय श्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री, भारत सरकार
नई दिल्ली

*विषय – कोरोना लाकडाउन में मझले ओर छोटे व्यवसायियों के आर्थिक विस्थापन औऱ 1 वर्ष कर्ज ब्याज मुक्ति ओर 2 वर्ष कर मुक्त रखने बाबत !*

*मान्यवर ,*

सादर अभिवादन। कोरोना लाकडाउन के चलते पूरे गरीब – मजदूर वर्ग के को राहत देने के लिए सरकार ने अनेक कार्य किये जिसके लिये *साधुवाद*। आज सबसे ज्यादा मुश्किल दौर में छोटे और मझले फुटकर व्यवसायी है जिसकी आर्थिक कमर पूरी तरह टूट चुकी है। वह छोटी पूंजी आधार पर दैनिक व्यवसाय संचालित कर अपनी जीविका चलता है । उसके साथ इस वक्त जीवन जीने ओर परिवार के पालन का भी गहरा संकट है । छोटे- मझले व्यापारी जिसका व्यापार लाइफ स्टाइल का ही उसका व्यापार आगामी कई महीनों तक पटरी पर आने में लग सकते है । लॉक डाउन खुल जाने के साथ ही हर लाइफ स्टाइल दुकान पर ग्राहक नही पंहुचेगा । सबसे अधिक विचारणीय प्रश्न यह है कि ऐसे में वह अपनी व्यवसाय को कैसे चलाएगा ? बैक का ब्याज किश्त, बिजली बिल, जीएसटी , दुकान संचालन प्रबंधन, कर्मचारी वेतन का भुगतान कैसे करेगे ? इधरबसरकार ने एक फरमान जारी कर दिया कि दुकान पर कार्यरत कर्मचारी का वेतन काटा नही जाएगा…। विपरीत परिस्थिति से जूझ रहा छोटा मझला फुटकर दुकानदार यह बोझ कैसे ढोहेगा ?
माननीय प्रधान मंत्री जी छोटी पूंजी ओर बैंक ऋण लेकर जीविकोपार्जन करने वाले व्यापारी कोरोना के महामारी से मरे ,बचे लेकिन बैंकों के कर्ज वसूली दबाव में उसकी मृत्यु सुनिश्चित हो जाएगी।
अकेले इंदौर में गारमेंट्स उद्योग जो पूरी तरह लघु उद्योग की श्रेणी में आता है ।इस उद्योग से 6 लाख लोगों को सीधे रोजगार देता है । पूरे प्रदेश में 60 लाख लोगों की जीविका लघु उद्योगों के बूते पर चल रही है । गरमेंट्स / टेक्सटाइल इलेक्ट्रॉनिक ओर सौंदर्य प्रसाधन ज्वेलरी उद्योग आर्थिक मंदी में यह पहले ही सांसे तोड़ रहा था । लॉक डाउन के चलते मध्यवर्गीय व्यापारी के सामने जीवन मरण की स्थिति में खड़ा है। अपने श्रमिकों को कैसे पाले, व्यवसायिक दैनिक गतिविधियों को संचालित करने की पूंजी कहा से लाएगा। क्योंकि बाजार में जो उधारी लेनदेन वह अब आगामी परिस्थिति में ब्लाक हो जाएगा। व्यापारी बैक की किश्ते ब्याज ओर अपने व्यवसाय को चला पाने में असहाय स्थिति में पहुंच गया है। लग्नसरा ओर उसके पश्चात रमजान की सीजन चौपट हो गई है। *फिलहाल लाकडाउन के चलते टेक्सटाइल – रेडीमेड गारमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक, सौंदर्य प्रसाधन , ज्वेलरी ओर शूज उद्योगों के दो सीजन से 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकासान हो चुका है ।* रेडीमेड गारमेंट्स जिसके यहां माल तैयार हो चुका वह अब कोई लेवल नही है । जिसके कारखाने में माल कटकर मशीनों पर लगा हुआ उसको तैयार करवाना अब निर्माता की आर्थिक सामर्थ्यता से दूर की बात हो गया है । रेडीमेड वस्त्र उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो चुका है ।
मान्यवर,इस दिशा में भारत सरकार को चाहिए आगामी दो वर्ष तक सभी करो में छूट ओर एक वर्ष बैंकों को किश्ते न भर पाने वाले व्यापारियों को सहयोगात्मक व्यवहार , किश्तों को री शयुडुल करे ताकि व्यापारी फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सके और नियमित व्यवसाय को सुचारू बना सके। भारत सरकार को इस दिशा में अवश्य चिंतन करना चाहिए।अगर इस वर्ग को अनदेखा किया तो मझला व्यापारी स्वतः कर्ज के दबाव में मरने को मजबूर होगा ।
माननीय प्रधानमंत्री जी आप सहिष्णु होकर मध्यमवर्गीय व्यापारियों की स्थिति को भलीभांति समझेंगे और इस दिशा में अपना योग्य निर्देश प्रदान करेंगे। *सधन्यवाद*

भवदीय,
*अक्षय जैन*
प्रवक्ता
म.प्र. गारमेंट्स व्यापारी एसोसिएशन
9425060200
*कुछ महत्वपूर्ण बिंदु*
*2200 गारमेंट्स कारखाने अकेले इंदौर के संकट में*
*अकेले इंदौर में 6 लाख लोगो को रोजगार मुहैया करने वाला उद्योग*
*80% यूनिट बैंक कर्ज , व्यवसायिक लेनदेन की भारी चपेट में मृत होंजाएँगे*
*बाजार में हजारों करोड़ो की उधारी ब्लाक हो जाएगी जिसके विवाद खड़े होंगे*
*जिनसे उधारीनक पेमेंट लेना है वह पेमेंट की जगह माल वापसी कर देगे ऐसे स्थिति में विवाद जन्म लेगे।*