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डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना सलाहकार ने कराई थी वुहान लैब को फंडिंग, जांच के आदेश

अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और डूबती अर्थव्यवस्था के लिए भी डॉ फाउची को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. कई जानकारों का मानना है कि डॉ फाउची पर क्रिमिनल लॉ के तहत केस चलना चाहिए. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि जांच के दायरे में आने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा.

NIAID के निदेशक डॉ फाउची पर बढ़ा दबाव वुहान लैब को फंडिंग कराने में थी अहम भूमिका

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीसेज यानी (NIAID) के डॉयरेक्टर डॉ एंथोनी फाउची वो नाम है, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के सबसे बड़ा चेहरा हैं. वो राष्ट्रपति ट्रंप के कोरोना सलाहकार भी हैं. अमेरिका के पांच राष्ट्रपति के साथ काम कर चुके हैं. और अब उन्हीं डॉक्टर एंथनी फाउची का नाम लेकर इलजाम लग रहा है कि अमेरिका ने खुद इस तबाही को खरीदा है. उसी के पैसों से मौत का ये वायरस तैयार हुआ है. इसलिए अमेरिका को चीन पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि ये दोनों की मिलीभगत है.

एन.आई.ए.आई.डी के डॉयरेक्टर डॉ एंथोनी फाउची पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है. अकेले इस वायरस से हुई तबाही के लिए नहीं. बल्कि इसकी वजह से हुई अमेरिकी लोगों की मौतों से भी. बढ़ती बेरोजगारी और डूबती अर्थव्यवस्था के लिए भी डॉ फाउची को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. कई जानकारों का मानना है कि डॉ फाउची पर क्रिमिनल लॉ के तहत केस चलना चाहिए. हालांकि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ये कह चुके हैं कि जांच के दायरे में आने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा.

अब कहा जा सकता है कि पूरी दुनिया के साथ-साथ अमेरिका जिस महामारी से जूझ रहा है, वो महामारी उन्हीं के पैसों से खरीदी गई है. हालांकि अब अमेरिकी राष्ट्रपति चीन को दिए गए इस फंड की जांच अपनी निगरानी में करवा रहे हैं. मगर अब पछताने से फायदा क्या. जब ये महामारी अमेरिका समेत पूरी दुनिया में तबाही मचा चुकी है. लाखों लोग मारे जा चुके हैं. कई देशों की अर्थव्यवस्था का खस्ता हो चुकी है.

अमेरिका की सबसे बड़ी त्रास्दी ये है कि जिस डॉ फाउची को कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.. वही कोरोना वायरस से जंग में अमेरिका का चेहरा हैं. व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर बने टास्क फोर्स के प्रमुख अधिकारी भी वही हैं. इतना ही नहीं व्हाइट हाउस की तरफ से दी जाने वाली रोज की अपडेट के दौरान भी वो राष्ट्रपति ट्रंप के साथ नजर आते हैं. हालांकि ऐसा माना जाता है कि ट्रंप और उनके विचार बिलकुल नहीं मिलते हैं. कई बार उन्हें हटाने की खबरें भी आईं. मगर अब तक डॉ फाउची अपने पद पर बने हुए हैं.

वहीं, चीन की तरफ से हालांकि इस मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. मगर अब उंगलियां खुद उस अमेरिका पर उठने लगी हैं. जो अब तक कोरोना वायरस की जानकारी दबाने के लिए चीन पर आरोप लगा रहा था. पर अब वुहान लैब को वायरस पर रिसर्च के लिए फंडिंग की वजह से और कोरोना से अपने ही देश में हो रही तबाही से खुद अमेरिका सवालों के घेरे में आ गया है.