कूलर कारोबार लॉकडाउन में हुआ लॉक
व्यापारियों ने कहा- कूलर की डिमांड इतनी कि रोजाना 5 से 7 ग्राहकों के फोन आते हैं
देवास। गर्मी ने दस्तक दे दी है। हालांकि कोरोना जैसी भयानक बीमारी के कारण गर्मी से निजात डर में पा रहा है तापमान बढऩे के साथ ही रात में भी गर्मी का अहसास होने लगा है। कोरोना के चलते लॉक डाउन में लोग कूलर नहीं खरीद पाए रहे है। गौरतलब है कि होली के बाद से ही कूलर, पंखें को लेकर बाजार में रौनक शुरू हो जाती हैं।
लोग गर्मी आने से पहले ही ठंडक का इंतजाम करना शुरू कर देते हैं। मगर इस बार कोरोना वायरस के चलते कूलर का बाजार बिल्कुल ठंडा पड़ा है। शुरूआत में 22 मार्च से 14 अप्रैल तक तो बाजार बंद था लेकिन अब तो 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है।
मौजूदा हालातों के चलते इसके बाद भी बाजार के खुलने की उम्मीदें कम ही हैं। ऐसे में जिन लोगों ने गर्मी की शुरुआत में नया कूलर नहीं खरीदा और पुराने कूलर की सर्विसिंग भी नहीं कराई है तो उन्हें इस बार की गर्मी तो सता रही है, वहीं कूलर, पंखे, एसी आदि का व्यवसाय करने वालों को भी तगड़ा झटका लग रहा है, क्योंकि इसका व्यवसाय सालभर में अप्रैल से मई में ही अधिक होता है।
इधर शहर के कूलर, पंखे और एसी का कारोबार करने वालों ने इस सीजन के लिए लगभग करोड़ों का माल जमा कर रखा था। अब जैसे जैसे समय गुजर रहा है तो पैसा डूबने का खतरा भी मंडराने लगा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर कूलर व्यवसायियों ने प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहा और यह भी बताया कि जिस तरह रतलाम जिले में प्रशासन ने कूलर व्यवसायियों को केवल होम डिलेवरी की परमिशन दे रखी है, ऐसी ही व्यवस्था यहां भी की जानी चाहिए। इसके चलते आवश्यक लोग इन चीजों को खरीद कर कुछ गर्मी से निजात पा सकते हैं। तो कुछ व्यापारियों का भार भी कम हो सकता है अब देखना यह है कि गर्मी पर कूलर का लॉकडाउन कब तक रहता है।