विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे दावों का खंडन किया कि गुजरात और मध्य प्रदेश के इंदौर में कोविड से जुड़ी मौतें वायरस के एक घातक स्ट्रेन के फैलने की वजह से हो रही हैं.
डॉक्टर करखोवे ने कहा- वायरस में बदलाव अपेक्षित दायरे में अलग-अलग देशों में पाए गए वायरस में कोई अंतर नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को ऐसे दावों का खंडन किया कि गुजरात और मध्य प्रदेश के इंदौर में कोविड से जुड़ी मौतें वायरस के एक घातक स्ट्रेन के फैलने की वजह से हो रही हैं.
WHO की टेक्निकल और एमर्जिंग डिजीज की हेड डॉक्टर मारिया वान करखोवे ने आजतक को बताया, “लैब्स के ग्लोबल नेटवर्क और न्यूरोलॉजिस्ट्स के पास ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जिससे साबित होता हो कि नोवेल कोरोना वायरस का एक स्ट्रेन अन्य से ज्यादा खतरनाक और घातक है.”
उन्होंने कहा, “दस हजार से ज्यादा जीनोम उपलब्ध हैं और मेरे पास आखिरी गिनती नहीं हैं. विभिन्न देशों में पाए गए वायरसों में कोई अंतर नहीं है, जिससे पता चलता हो कि ये (Covid-19) अपनी संक्रमण की क्षमता या लोगों को गंभीर रूप से बीमार करने की क्षमता को लेकर अलग-अलग तरीके से बर्ताव करता है.”
डॉक्टर करखोवे के मुताबिक Covid-19 उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) के हिसाब से “अपेक्षाकृत स्थिर” है. डॉ. करखोवे ने कहा, “वायरस में कुछ बदलाव हैं जो किसी भी वायरस में होते हैं, लेकिन ये बदलाव अपेक्षित दायरे में हैं.”
इससे पहले, गुजरात और मध्य प्रदेश में विशेषज्ञों ने अपने राज्यों के कुछ हिस्सों में संक्रमण की गंभीरता को वायरस के एक घातक स्ट्रेन से जोड़ा था जिसे उन्होंने L-टाइप स्ट्रेन बताया था.
गुजरात में प्रधान स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि ने भी जोशी की थ्योरी का अनुमोदन किया. इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ ज्योति बिंदल ने भी ऐसी ही राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आगे जांच के लिए सैंपल पुणे भेजे गए हैं.