राज्य सरकार को लॉकडाउन की वजह से राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था. हालांकि, फिलहाल तो राज्य सरकार को इसका फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि अभी तो शराब बिक्री पर रोक है. लॉकडाउन खुलने के बाद ही राज्य सरकार को इसका फायदा मिलेगा और लगता है कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन खुलने से पहले राजस्व की बढ़ोतरी की पूरी तैयारी कर ली है.
- राजस्थान सरकार ने शराब पर आबकारी शुल्क बढ़ाया
- लॉकडाउन की वजह से सरकार को राजस्व का हो रहा नुकसान
- सरकार ने शराब पर आबकारी शुल्क में 10% की बढ़ोतरी की
लॉकडाउन के बीच ही राजस्थान सरकार ने शराब महंगी कर दी है. राज्य सरकार को लॉकडाउन की वजह से राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था. हालांकि, फिलहाल तो राज्य सरकार को इसका फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि अभी तो शराब बिक्री पर रोक है.
लॉकडाउन खुलने के बाद ही राज्य सरकार को इसका फायदा मिलेगा और लगता है कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन खुलने से पहले राजस्व की बढ़ोतरी की पूरी तैयारी कर ली है. भारी राजस्व की हानि का सामना कर रही सरकार ने शराब पर आबकारी शुल्क (Excise Duty) में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है.
राज्य के वित्त विभाग ने बुधवार को शुल्क बढ़ाने के लिए एक अधिसूचना में संशोधन करने के आदेश जारी किए. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार 900 रूपये से नीचे की भारत में निर्मित विदेशी शराब पर 25 फीसदी की जगह 35 फीसदी आबकारी शुल्क और ड्यूटी अब 35 फीसदी की जगह 45 फीसदी की गई है. उन्होंने बताया कि इसी तरह से बीयर पर आबकारी शुल्क में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और राज्य में बीयर पर अब 35 प्रतिशत की जगह 45 प्रतिशत आबकारी शुल्क लिया जाएगा.
देसी शराब का भी बढ़ा दाम
देसी शराब और राजस्थान निर्मित शराब की बिक्री के लिए मूल लाइसेंस शुल्क भी बढ़ाया गया है. कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है और संशोधित आबकारी शुल्क से अतिरिक्त राजस्व एकत्रित करने के लिये यह निर्णय लिया गया है.
गौरतलब है कि ‘ई-एजेंडा आजतक’ में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा था, ‘हमने 22 मार्च से लॉकडाउन से शुरू किया. 24 मार्च से भारत सरकार ने शुरू किया. 3 मई तक 40 दिन से ज्यादा का लॉकडाउन हो जाएगा. अगर लॉकडाउन ही कोरोना का समाधान है तो हमें इस पर काफी गंभीरता से सोचना होगा. हमें देखना होगा कि लॉकडाउन से क्या-क्या परेशानियां हो रही है. लॉकडाउन के दौरान बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए.’